राष्ट्रीय रेल संग्रहालय के लिए ऑनलाइन टिकट प्रणाली की शुरुआत

नयी दिल्ली,18अप्रैल 2022 , रेल मंत्रालय के राष्ट्रीय रेल संग्रहालय (एनआरएम) ने इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन लिमिटेड (आईआरसीटीसी) के सहयोग से एनआरएम के लिए ऑनलाइन टिकट प्रणाली शुरू करने की घोषणा की है। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष और सीईओ वी.के.त्रिपाठी ने आज यहां विश्व विरासत दिवस के अवसर पररेलवे बोर्ड के सचिव श्री आर.एन. सिंह की उपस्थिति में एनआरएम के लिए ऑनलाइन टिकट प्रणाली की शुरुआत की।

राष्ट्रीय रेल संग्रहालय, भारतीय रेल की 169 वर्षों की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करता है। रेलवे यार्ड की रूपरेखा का अनुकरण करते हुए, विस्तृत आउटडोर गैलरी में शाही सैलून, वैगन, कैरिज, बख्तरबंद गाड़ियों, रेल कारों और टर्नटेबल के आकर्षक संग्रह के साथ विभिन्न प्रकार के भाप, डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन मौजूद हैं। इंडोर गैलरी के अंदर इंटरएक्टिव डिस्प्ले और मॉडल; परिवहन के शुरुआती साधनों से लेकर आज तक की उल्लेखनीय बातों को प्रदर्शित करते हैं। सवारी के लिए विभिन्न प्रकार के साधन हैं,जैसे जॉय एंड टॉय ट्रेन की सवारी, 3डी वर्चुअल कोच की सवारी, भाप, डीजल और इलेक्ट्रिक इंजन की सवारी आदि।

एनआरएम, हर साल आने वाले लगभग 05 लाख आगंतुकों को दिखाता है कि भारतीय रेलवे ने एक राष्ट्र के रूप में भारत के एकीकरण और प्रगति में कैसे मदद की है। ऑनलाइन टिकट प्रणाली शुरू करने का उद्देश्य आगंतुकों के लिए कतारों को समाप्त करना है, जिससे प्रतीक्षा समय मी कमी आयेगी। इस कदमों से एनआरएम, दिल्ली के सर्वश्रेष्ठ सार्वजनिक और निजी संग्रहालयों व दीर्घाओं के समान दर्जा हासिल करने में सक्षम होगा।

आगंतुक स्थान आरक्षण के साथ ट्रेन/इंजन प्रतिरूप की सवारी का भी अनुभव ले सकते हैं। ग्राहक कई भुगतान तरीकों यानी क्रेडिट/डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग, वॉलेट, यूपीआई आदि का उपयोग कर सकते हैं। डिजिटल भुगतान के लिए पीओएस मशीनों के साथ काउंटर बुकिंग भी उपलब्ध है। आगंतुकों के आसान प्रवेश और आनंदपूर्ण यात्रा की सुविधा के लिए विभिन्न काउंटरों पर टिकट जांच अधिकारी को दिए गए मोबाइल ऐप के माध्यम से क्यूआर कोड सक्षम टिकटों को भी स्कैन किया जा सकता है।

संग्रहालय मंगलवार से रविवार (10:00 बजे से 17:00 बजे) तक खुला रहता है और अब ऑनलाइन टिकट प्रणाली की शुरुआत के साथ, आगंतुक www.nrmindia.org वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन टिकट बुकिंग सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।संग्रहालय में भारतीय रेलवे के 100 से अधिक अपने वास्तविक आकार के प्रदर्शित सामान का एक शानदार और आकर्षक संग्रह है। इनमें इंजन और डिब्बों के स्थिर और चल मॉडल, सिगनिलिंग उपकरण, ऐतिहासिक फोटोग्राफ और संबंधित साहित्य सामग्री आदि शामिल है। पुराने सवारी-डिब्बों में वर्ष1875 में निर्मित खूबसूरत प्रिंस ऑफ वेल्स सैलून भी शामिल है। वर्ष 1899 में निर्मित मैसूर के महाराजा के सैलून को देखे बना रहा नहीं जा सकता, जिसमें ज़री के काम वाली कुर्सियां और एक आकर्षक रोज़वुड वाला बैड है; इसकी अच्छी तरह झलक पाने के लिए इसे खिड़कियों से धांककर देखा जा सकता है।

आइये आपको बताते चले कि राष्ट्रीय रेल संग्रहालय में वर्ष 1855 में निर्मित फेयरी क्वीन इंजन संरक्षित है, जो अपने समय का संबसे बेहतर संरक्षित भाप इंजनों में से एक है। बोटिंग के अलावा एक जॉय ट्रेन और मोनो रेल (पीएसएमटी) की सवारी सर्वाधिक रोमांचक अनुभव देते हैं। बाहर आते वक्त सुंदर फायर इंजन को देखना न भूलें।@फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

 

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