राष्ट्रपति चुनाव में राजग के उम्मीदवार का समर्थन किए जाने से कांग्रेस और जदयू के बीच गहरा विवाद संभवत: राहुल गांधी के हस्तक्षेप जिनके बारे में कहा जा रहा है कि उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं से नीतीश कुमार के खिलाफ नहीं बोलने का निर्देश दिया है, समाप्त हो गया है। जदयू ने भी इस दिशा में सकारात्मक रुख अपनाते हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साथ होने के संकेत दिए हैं। मीडिया में आयी रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने नीतीश कुमार का मजबूती से पक्ष लेते हुए अपने पार्टी के नेताओं से जदयू प्रमुख की आलोचना करने से दूर रहने का निर्देश दिया है। बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चौधरी ने अपने पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के साथ दिल्ली में इस सप्ताह के शुरूआती दौर में मुलाकात होने की पुष्टि की पर उन्होंने बैठक के बारे में विस्तृत जानकारी से इंकार किया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राहुल ने बैठक के दौरान चौधरी को नीतीश के खिलाफ बयान जारी करने वाले पार्टी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई के संकेत दिये। जिस समय कांग्रेस और जदयू में विवाद गहराया था राहुल देश के बाहर थे। कांग्रेस और जदयू के बीच विवाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के नीतीश कुमार पर ”बिहार की बेटी” मीरा कुमार की हार सुनिश्चित करने के लिए आगामी 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार राम नाथ कोंिवद का समर्थन करने का आरोप लगाया।
आजाद ने नीतीश पर प्रत्यक्ष रूप से हमला करते हुए कहा था कि जो एक विचारधारा रखते हैं वह एक निर्णय लेते हैं जबकि जिनकी कई विचारधारा होती है वे अलग अलग निर्णय लेते हैं। आजाद के इस टिप्पणी के बाद प्रदेश के कुछ कांग्रेस नेताओं ने भी जदयू प्रमुख पर वार किया था। नीतीश ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा था ”बिहार की बेटी” को हरा के लिए क्यों चुना गया । संप्रग सरकार के कार्यकाल के दो बार अवसर आए थे उस समय क्यों नहीं उन्हें उम्मीदवार बनाया। आजाद की टिप्पणी पर जदयू ने भी पलटवार करते हुए कहा कि वह किसी की ”पिछलग्गु” नहीं है।
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