रेल टिकट खरीदते समय नहीं देना होगा खाने का पैसा, बदल रहा है कैटरिंग नियम

हाल में आई कैग रिपोर्ट के बाद रेलवे का खाना खाने से पहले कोई भी यात्री सौ बार विचार करेगा, लेकिन कई ट्रेनों में खाने का पैसा टिकट में ही कट जाता है। ऐसे में अगर यात्री खाना नहीं लेता है तो उसका नुकासान हो जाता है। बुधवार को रेलवे ने कई ट्रेनों में वैकल्पिक कैटरिंग की सेवा शुरू कर दी है।
रेलवे ने पहले इसे 7 राजधानी, 6 शताब्दी ट्रेन और 5 दूरंतो ट्रेनों में लागू किया है। इस सेवा के तहत यात्रियों से टिकट बुकिंग के समय ही खाने के बारे में पूछा जाएगा। अगर आप ट्रेन में खाना लेना चाहते हैं तो ही आपको इसके पैसे देने होंगे। पहले इन ट्रेनों में टिकट के साथ ही कैटरिंग के पैसे भी कट जाते थे।

वहीं कैग की रिपोर्ट के बाद रेलवे अपने खाने की क्वॉलिटी में भी सुधार कर रही है। रेलवे ने इसके तहत जांच अभियान छेड़ा है, इसके तहत 88 ट्रेनों में जांच की गई। गौरतलब है कि कैग रिपोर्ट और यात्रियों की शिकायत के बाद दोषी पाए गए ठेकेदार के खिलाफ रेलवे ने दंडात्मक कार्रवाई को सख्त कर दिया है।

बता दें कि पिछले तीन सालों में शिकायत के कारण हर साल केवल तीन ठेके ही रद्द किए गए हैं। जबकि इस साल जनवरी से जून तक में 12 ठेकेदारों के ठेके रद्द हो चुके हैं।

गौरतलब है कि बुधवार को यूपी के चंदौली में एक रेल यात्री के खाने में छिपकली निकलने का मामला सामने आया। पूर्वा एक्सप्रेस में यात्रा कर रहे एक यात्री ने ट्विटर पर रेल मंत्री से इस बात की शिकायत की। वही खाने में छिपकली मिलने की शिकायत करने वाले यात्री ने बताया कि उसने टीटीई और कैंटीन मैनेजर से शिकायत की, उसके बाद रेल मंत्री को ट्वीट किया। शिकायत के बाद संबंधित ठेकेदार का ठेका निरस्त कर दिया गया है।

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