लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, बांदा, आगरा, मथुरा और मेरठ में 28 और 29 मई को प्री-मॉनसून

उत्तर प्रदेश के कई इलाके भीषण गर्मी की गिरफ्त में हैं। वाराणसी और इलाहाबाद सहित पूर्वी भागों में लू का प्रकोप जारी है। इस बीच अच्छी खबर यह है कि 28 और 29 मई से राज्य के कुछ भागों में मौसम मेहरबान होने वाला है। मई आखिर में जाते-जाते राज्य में लोगों को भीषण गर्मी से राहत देते हुए जाएगा।

स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार इस समय उत्तर प्रदेश के पश्चिमी हिस्सों से बिहार तक एक ट्रफ रेखा बनी हुई है जो आने वाले समय में और सशक्त होगी। इस ट्रफ के प्रभाव से ही राज्य के अधिकतर इलाकों में मौसम बदलेगा। इसके अलावा पूर्वी उत्तर प्रदेश से एक ट्रफ दक्षिण भारत के राज्यों तक विकसित हुई है, जो बंगाल की खाड़ी से नमी आकर्षित करने में मदद करेगी।

उत्तर प्रदेश के पश्चिम से लेकर पूर्व तक और उत्तर में तराई क्षेत्रों से लेकर दक्षिण में बुंदेलखण्ड तक वर्तमान में जारी गर्मी से 2 दिनों बाद कुछ राहत मिलेगी। शुरुआत पूर्वी उत्तर प्रदेश और तराई क्षेत्रों में वाराणसी, गोरखपुर और बहराइच से होगी। इन भागों में 27 मई की रात में हल्की बारिश शुरू हो सकती है जो 28 से और बढ़ जाएगी। राज्य के पूर्वी हिस्सों और तराई वाले जिलों में मई की विदाई अच्छी प्री-मॉनसून वर्षा के साथ होने की संभावना है।

लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, बांदा, आगरा, मथुरा और मेरठ में 28 और 29 मई को प्री-मॉनसून बौछारें कुछ स्थानों पर भिगो सकती हैं। इस दौरान बादल छाए रहेंगे और कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश दर्ज किए जाने का अनुमान है। कह सकते हैं कि 27 मई की शाम से उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों से शुरू होने वाला बारिश का सफर 28 और 29 मई तक राज्य के लगभग सभी भागों में पहुँच जाएगा। हालांकि इस प्री-मॉनसून दौर में बारिश भले ही बहुत अधिक नहीं होगी लेकिन तेज़ गर्मी से यह कुछ राहत ज़रूर मुहैया कराएगी।

फिलहाल लोग मॉनसून की प्रतीक्षा में हैं। मॉनसून 29 मई के आसपास केरल में दस्तक दे सकता है। हालांकि उत्तर प्रदेश में सबसे पहले मॉनसून का आगमन पूर्वी भागों में 15 जून के आसपास होता है। लेकिन पश्चिमी भागों तक पहुँचने में यह 15 दिनों का समय ले लेता है और जून के अंत तक सभी भागों को कवर कर लेता है।

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