विकास दुबे केस में खुलासा: आज पुलिस वालों की गिननी लाशें है………….

कानपुर:

कानपुर में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया कुख्यात अपराधी विकास दुबे की तैयारी पुलिस से ज्यादा था। उसने अपनी ब्यूह रचना चौतरफा की थी। हथियारबंद लोगों को सुनियोजित तरीके से तैनात किया। सोची समझी रणनीति के तहत ही तैयारी की गई थी। यह खुलासा गिरफ्तार किए गए शशिकांत उर्फ सोनू पांडेय ने पुलिस की पूछताछ में किया है।

विकास दुबे ने पांच घंटे में हथियारबंद लोगों को जुटाए और युद्ध जैसी रणनीति के तहत गुर्गों को तैनात किए। शशिकांत की बातों पर भरोसा करें तो विकास ने पहले से ही इस बात की तैयारी कर ली थी कि कोई बचकर नहीं जाएगा। पुलिस पर हमले का नेतृत्व कर रहा विकास अंजाम से पूरी तरह बेखौफ था। भरोसेमंद गुर्गों को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंपी और हर कोने में तैनात कर दिए।

पुलिस के इंट्रोगेशन में शशिकांत ने विकास की पूरी रणनीति का खुलासा कर दिया। उसने यह भी बताया कि हमले वाली रात कौन किस छत पर तैनात था। विकास दुबे ने अपनी दोनों छतों पर हथियारों से लैस लोगों को लगा दिया था। एक छत पर वह खुद अमर दुबे, अतुल दुबे, दयाशंकर के साथ असलहों का जखीरा लेकर मोर्चा ले रहा था। उसकी दूसरी छत से  राम सिंह, अखिलेश मिश्रा, बिपुल दुबे और दो अन्य लोग फायरिंग कर रहे थे। शशिकांत के घर की छत पर उसके पिता प्रेम प्रकाश, गोपाल, हीरू, वह खुद और दो अन्य लोग गोलियां चला रहे थे। मुठभेड़ में मारे गए प्रभात मिश्रा घर की छत पर उसके पिता राजेंद्र मिश्रा, प्रभात मिश्रा, शिवम, बाल गोविंद और एक अन्य व्यक्ति हथियारों के साथ मुस्तैद थे।

(कानपुर ब्यूरो)