वेतन दोगुना करने के लिए कानून ला रही सरकार, छोटे उद्योगों में आ सकता है छटनी का दौर

नई दिल्ली- भारतीय कामगारों के लिए एक अच्छी खबर है। केंद्र सरकार नया कानून लाने जा रही है जिससे कर्मचारियों का न्यूनतम वेतन करीब दोगुने बढ़ोतरी के साथ 18,000 रुपये प्रति महीना हो जाएगा। यह शॉर्ट टर्म कॉन्ट्रैक्ट लेबर पर भी लागू होगा, जिन्हें वेतन के मामले में सबसे अधिक शोषणकारी स्थिति में काम करना पड़ता है। लेकिन असल में यह अच्छी खबर श्रमिकों के लिए बुरी भी हो सकती है।

नया कानून संसद के मॉनसून सत्र में पेश किया जाएगा। यह कम वेतन पा रहे श्रमिकों को उनका हक दिलाने के लिए लाया जा रहा है तो फिर यह उनके लिए खराब कैसे? दरअसल, न्यूनतम मजदूरी दोगुनी किए जाने से स्मॉल स्केल सेक्टर को झटका लग सकता है, जो कि सबसे ज्यादा ‘सस्ते श्रमिकों’ को रोजगार उपलब्ध कराता है। बहुत सी स्मॉल स्केल इकाइयां नए कानून के मुताबिक मजदूरी देने में असमर्थ होंगी, क्योंकि उन्हें पहले से ही कई समस्याओं से संघर्ष करना पड़ रहा है।

नोटबंदी के बाद कैश की कमी ने छोटे स्तर के उद्योगों को सबसे अधिक प्रभावित किया, क्योंकि उनके दैनिक परिचालन के लिए कैश बहुत जरूरी है। इसके बाद गुड्स ऐंड सर्विसेज टैक्स लागू होने से भी कारोबार बाधित हुआ। कम ही संभावना है कि इस सेक्टर की समस्याएं जल्द दूर हो जाएंगी। मुश्किलों से घिरा सेक्टर इस नए कानून पर कैसी प्रतिक्रिया देगा? अधिक वेतन देने में असमर्थ होने पर इन इकाइयों में श्रमिकों की ‘छुट्टी’ की जा सकती है और मशीनों को काम पर लगाया जा सकता है।

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