संघ के फरमान से बची उमा भारती की कुर्सी, मोदी-शाह के करीबी का पत्ता कटा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हर बार की तरह मंत्रिमंडल विस्तार और मंत्रियों में विभाग के बंटवारे को लेकर सभी को चौंका दिया. निर्मला सीतारमण के कद बढ़ने से हर कोई हैरान है, तो मध्य प्रदेश के राजनीतिक गलियारों में दमोह सांसद और कभी उमा भारती के बेहद करीबी रहे प्रहलाद पटेल को मंत्री नहीं बनाए जाने की चर्चा जोर पकड़ रही है.

दरअसल, महाकौशल की राजनीति में भाजपा के कद्दावर नेता और पूर्वोत्तर मणिपुर में कमल खिलाने वाले प्रहलाद पटेल को मंत्री बनाए जाना तय माना जा रहा था. मणिपुर में पहली बार भाजपा के सत्ता पर काबिज होने में अहम भूमिका निभाने के बाद प्रहलाद पटेल को पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का चहेता माना जाता है.

ऐसे में संभावित मंत्रियों की सूची में नाम होने के बावजूद अंतिम वक्त पर प्रहलाद पटेल का पत्ता कट होने की वजह उमा भारती को माना जा रहा है. जिस लोधी समाज से उमा आती हैं, उसी समुदाय से पटेल भी आते हैं. उमा भारती की मंत्रिमंडल से विदाई नहीं होने पर जातिगत समीकरणों को ध्यान में रख प्रहलाद पटेल को मंत्री बनाने का निर्णय टाल दिया गया.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि मथुरा में संघ की बैठक में पहुंचे भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को निर्देश दिया गया था कि, उमा भारती को हर हाल में मंत्री बनाकर रखा जाए. संघ नेताओं के उमा भारती को हटाने पर असहमति जताने के बाद प्रहलाद पटेल मंत्री बनने की दौड़ से बाहर हो गए. बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री आवास पर प्रहलाद पटेल को बुलाकर भाजपा अध्यक्ष ने सारी परिस्थितियों से अवगत कराया था.


पहली बार नहीं है जब प्रहलाद पटेल को उमा भारती की वजह से राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ा हो. 2004 में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के बाद उमा भारती ने नयी राजनीतिक पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी का गठन किया था.

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उमा भारती के बेहद करीबी और उनके निर्देश पर छिंदवाड़ा से कमलनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले प्रहलाद पटेल ने भी उनके समर्थन में भाजपा छोड़ दी थी. इसका उनका भाजपा की राजनीति में काफी नुकसान झेलना पड़ा था. हालांकि, बाद में उमा भारती की कार्यशैली के चलते उनकी अनबन हो गई और वह भाजपा में दोबारा शामिल हो गए.

कौन है प्रहलाद पटेल
-प्रहलाद पटेल का जन्म 28 जून 1960 को नरसिंहपुर जिले के गोटेगांव नगर में हुआ था.
-बीएससी की शिक्षा आदर्श विज्ञान महाविद्यालय,जबलपुर एवं एलएलबी की शिक्षा विश्वविद्यालय शिक्षा विभाग रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय (मध्य प्रदेश) से की है.
-छात्र जीवन में सन 1980-81 में साइंस कॉलेज-विश्ववद्यालय छात्र संघठन जबलपुर के अध्यक्ष रहे.
-1984 से सहयोग क्रीड़ा मंडल के संस्थापक सदस्य के रूप में अहम भूमिका निभा रहे है.
-वर्ष 1986-90 तक सचिव युवा मोर्चा भारतीय जनता पार्टी एवं इसी समय युवा मोर्चा मध्य प्रदेश के जनरल सेक्रेटरी रहे.
-वर्ष 1989 प्रथम बार नौवीं लोकसभा में सांसद निर्वाचित हुए.
-वर्ष 1990-91 में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति समिति एवं कृषि मंत्रालय में सदस्य रहे.
-वर्ष 1996 में ग्यारहवीं लोकसभा में दूसरी बार सांसद बने.
-वर्ष 1999 में तेरहवीं लोकसभा में तीसरी बार सांसद बने.
-वर्ष 2003 में केंद्रीय कोयला राज्य मंत्री बनाए गए
-वर्ष 2011 में नर्मदा स्वच्छता अभियान के तहत नर्मदा को दूषित होने से बचाने के लिए नरसिंहपुर जिले में 110 किमी पदयात्रा की.
-वर्ष 2012 सितम्बर में भारतीय जनता मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते दिल्ली में लाखों मजदूरों की रैली का आयोजन.

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