सीबीआई सैकड़ों करोड़ के घोटाले छोड़कर डेढ़ करोड़ के पीछे क्यों पड़ी?

सीबीआई द्वारा दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से उनके घर में की गई पूछताछ को लेकर संग्राम छिड़ गया है. सीबीआई अधिकारियों के मनीष सिसोदिया के घर जाने को लेकर राजनीति में एकाएक गर्माहट आ गई है. मामले को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है.

‘टॉक टू एके’  कैंपेन को लेकर प्राथमिक जांच के सिलसिले में सीबीआई की टीम मनीष सिसोदिया का बयान लेने पहुंची थी. ‘टॉक टू एके’ जुलाई 2016 में आयोजित किया गया था. यह कार्यक्रम पीएम मोदी के मन की बात की तर्ज पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के जन की बात था.

मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर छापे मारने की दी थी चुनौती

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने सीबीआई के द्वारा मनीष सिसोदिया से पूछताछ को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा है. वहीं सीबीआई का कहना है कि यह कोई छापा नहीं था. बल्कि, ये महज जांच के सिलसिले में की गई पूछताछ भर थी.

Manish Sisodia

सीबीआई की टीम शुक्रवार सुबह दिल्ली सरकार द्वारा ‘टॉक टू एके’ के नाम से चलाए गए सोशल मीडिया कैंपेन में कथित अनियमितताओं से जुड़ी जांच के सिलसिले में पूछताछ के लिए सिसोदिया के घर पहुंची थी. ‘टॉक टू एके’  कैंपेन को लेकर सिसोदिया जांच के घेरे में हैं.

सतर्कता विभाग की शिकायत पर सीबीआई ने इस संबंध में सिसोदिया और दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की पुत्री सौम्या जैन के खिलाफ जनवरी में प्राथमिक जांच का मामला दर्ज किया था.

सीबीआई ने जनवरी 2017 में इस मामले में प्राथमिक जांच शुरू की थी. जिसके बाद दिल्ली सरकार के प्रचार विभाग, सूचना एवं प्रचार निदेशालय के दफ्तर पर भी सीबीआई ने छापा मारा था. इस छापे के बाद मनीष सिसोदिया ने ट्वीट कर सीबीआई को चुनौती दी थी कि आप मेरे घर पर छापा मारो.

मनीष सिसोदिया से सीबीआई की पूछताछ को लेकर उनके मीडिया सलाहकार अरुणोदय प्रकाश ने ट्वीट कर कहा, ‘डिप्टी सीएम के घर सीबीआई का छापा पड़ा है. सरकार ‘पिंजरे में बंद तोते’ का इस्तेमाल विरोधियों का मुंह बंद करने के लिए कर रही है. अगर वह यह समझ रही है कि इससे सिसोदिया भयभीत हो जाएंगे और स्कूलों के लिए काम करना बंद कर देंगे तो वे गलती कर रहे हैं.’

आप के राजेश गौतम ने कहा कि केंद्र सरकार पार्टी को परेशान करने में लगी है. वह इसके लिए सीबीआई का गलत इस्तेमाल कर रही है. अगर ‘टॉक टू एके’  के सिलसिले में पूछताछ की जा रही है, तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवाद कार्यक्रम ‘मन की बात’ की भी जांच होनी चाहिए.

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