सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों को गौरक्षकों के आतंक से निपटने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि सभी राज्य सरकारें 13 अक्टूबर तक हरेक जिले में एक सीनियर पुलिस अफसर की तैनाती करे जो गौ हत्या के नाम पर होने वाली हिंसा की रोकथाम के लिए काम करे और उससे जुड़े सभी मामलों की देखरेख करे। कोर्ट ने राज्य सरकारों से गौहत्या के आरोप में मारे गए या मॉब लिंचिंग के शिकार हुए पीड़ितों के लिए मुआवजे की भी व्यवस्था करने को कहा है।
कोर्ट ने तथाकथित गौरक्षक समूहों द्वारा हिंसा करने और अपने हाथ में कानून लेने की बढ़ती घटनाओं पर चिंता जताते हुए इस महीने की शुरुआत में ही इस पर रोकथाम के उपाय करने को कहा था। साथ ही नोडल अफसरों को यह सुनिश्चित करने को कहा था कि ऐसे समूह प्रशासन के लिए चुनौती न बन सके, इसकी ठोस व्यवस्था की जाय। इसके लिए राज्य सरकारों को अदालत ने एक हफ्ते का वक्त दिया था।