सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के दो पुलिस अफसरों को नौकरी से हटाया, फर्जी मुठभेड़ के हैं आरोपी, रिटायरमेंट के बाद भी कर रहे थे नौकरी

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात के उन दो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को फौरन नौकरी छोड़ने का हुक्म दिया है जो रिटायरमेंट के बाद फिर से नौकरी कर रहे थे। इन दोनों अफसरों पर फर्जी मुठभेड़ में भी शामिल होने के आरोप हैं। आरोपी अफसरों में एन के अमीन और टी ए बरोट शामिल हैं। इन दोनों अफसरों ने कोर्ट में गुरुवार (17 अगस्त) को कहा कि वे लोग आज से ही अपना-अपना पद छोड़ देंगे। अमीन पिछले साल अगस्त में पुलिस अधीक्षक पद से सेवानिवृत हुए थे। उसके बाद उन्हें गुजरात सरकार ने एक साल के लिए संविदा के आधार पर महिसागर जिले का पुलिस अधीक्षक नियुक्त किया था। अमीन सोहराबुद्दीन और इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ मामले में अदालत में ट्रायल फेस कर चुके हैं।

दूसरे अफसर टी ए बरोट पिछले साल रिटायर होने के एक महीने बाद दोबारा अक्टूबर में वडोदड़ा में वेस्टर्न रेलवे के तहत डिप्टी सुप्रीटेंडेंट ऑफ पुलिस (डीएसपी) बनाए गए थे। बरोट को भी संविदा के आधार पर एक साल के लिए नियुक्त किया गया था। बरोट भी सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ और सादिक जमाल मुठभेड़ केस में आरोपी रहे हैं। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जे एस खेहर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की खंडपीठ ने उनकी नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका की सुनवाई करते हुए दोनों पुलिस अफसरों को तुरंत नौकरी छोड़ने का फरमान सुनाया।

 

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