1 मिठाई के 2 दामः समझें GST का खेल, जीएसटी की ‘महिमा’

नई दिल्ली- मिठाई की अपनी पसंदीदा दुकान के काउंटर पर खड़े होकर रसमलाई खाने और दुकान में ही लगे टेबल पर मिठाई मंगाकर खाने में क्या अंतर है? जी नहीं, यह सिर्फ आराम का मामला नहीं है, बल्कि दोनों स्थितियों में लग रहे अलग-अलग जीएसटी रेट का भी अंतर है। अगर आप काउंटर पर ही मिठाई खाकर बिल भरने के बाद दुकान से बाहर चले आए तो कई दुकानदार आपसे 5% जीएसटी वसूलेंगे, लेकिन अगर एयर कंडीशन में बैठकर आप वेटर से मिठाई अपने टेबल पर मंगाते हैं तो आपको 18% जीएसटी देना पड़ सकता है।

यही बात पंसदीदा गुजराती स्नैक ढोकला के साथ भी लागू होगी। अगर आप काउंटर से ढोकला लेकर चले गए तो आपको 12% जीएसटी देना होगा, लेकिन वहां बैठकर खाने की इच्छा हुई तो 18% जीएसटी लग जाएगा। अलग-अलग दुकानदार इसकी अपने-अपने तरीके से व्याख्या कर रहे हैं। मसलन, सेंट्रल दिल्ली की एक बड़ी मिठाई दुकान जहां बैठने की व्यवस्था नहीं है, लेकिन कुछ टेबल लगे हैं जहां ग्राहक स्नैक, स्वीट आदि का आनंद उठा सकते हैं। यहां 5% जीएसटी वसूला जाता है।

पहचान गुप्त रखने की शर्त पर दुकानदार ने कहा, ‘अगर आपके पास बैठने की बड़ी जगह है तो ज्यादा टैक्स वसूल सकते हैं, लेकिन हमारे पास इतनी बड़ी जगह नहीं है।’ खास बात यह है कि अलग-अलग टैक्स रेट के बारे में ज्यादातर ग्राहकों को पता नहीं है। ऐसे में जब बिल में टैक्स रेट देखकर चौंक जाते हैं।

टैक्स एक्सपर्ट्स कहते हैं कि जीएसटी को लेकर मौजूदा स्थिति से ग्राहकों को वाकिफ कर दिया जाना चाहिए। टैक्स रेट में बड़े अंतर से ग्राहक आराम से दुकान में ही बैठकर मिठाई या स्नैक्स नहीं खा पाएंगे और वो काउंटर पर या दुकान से बाहर निकलकर खाने को मजबूर होंगे। कई फास्ट-फूड चेन में भी इसी तरह से टैक्स लिए जा रहे हैं। टैक्स लॉयर आर. एस. शर्मा ने कहा कि अगर रेस्ट्रॉन्ट में चाय भी पी तो आपको 18%, लेकिन बाहर पी तो 12% टैक्स देना होगा। उन्होंने कहा, ‘एयर कंडिशन लगे रेस्ट्रॉन्ट में खाने-पीने पर 18 प्रतिशत जब नॉन-एसी रेस्तराओं में 12% जीएसटी लागू है।’

 

Read More- NBT