इसके लिए असहिष्णुता दिखाने का वक्त नही आ गया है क्या अब??? इन शब्दों के साथ देशहित की बात नामक एक फेसबुक पेज, जिसके 75,000 से अधिक फॉलोअर्स हैं, इसने 29 अप्रैल, 2018 को एक तस्वीर पोस्ट की है जिसे इस लेख के लिखते समय तक 8000 से अधिक बार शेयर किया जा चूका है। इस तस्वीर पर लिखे शब्दों के अनुसार वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने 11 साल की गीता (बदला हुआ नाम) से हुए रेप को इच्छा से यौन सम्बन्ध करार दिया है।
इसके लिए असहिष्णुता दिखाने का वक्त नही आ गया है क्या अब???
Posted by देशहित की बात on Saturday, 28 April 2018
इसी तस्वीर को एक और पेज फिर एक बार मोदी सरकार ने भी इन्हीं शब्दों के साथ शेयर किया है। इस पेज के 5000 फॉलोअर्स भी नहीं हैं लेकिन रवीश कुमार का बताकर पोस्ट किए जाने वाले इस फर्जी दावे को यह लेख लिखते समय तक 8000 से भी अधिक लोगों ने शेयर किया है।
इसके लिए असहिष्णुता दिखाने का वक्त नही आ गया है क्या अब???
अब सभी मौन क्यों हैं???Posted by फिर एक बार मोदी सरकार on Sunday, 29 April 2018
इसी तस्वीर को कई फेसबुक पेजों और ग्रुपों में शेयर किया गया है। WE SUPPORT NARENDRA MODI नाम के एक फेसबुक ग्रुप में भी इस तस्वीर को शेयर किया गया है, जिसमें 26 लाख से भी अधिक सदस्य हैं। एक अन्य BJP ON FACEBOOK नामक ग्रुप में भी इस तस्वीर को शेयर किया गया है, इस ग्रुप में 9 लाख से भी अधिक सदस्य हैं। BJP For New INDIA नाम से एक पेज जिसके 5 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं, इस पेज से भी इस तस्वीर को पोस्ट किया गया है। एक अन्य Bharatiya Yuva Shakti नाम के फेसबुक पेज ने भी इसे पोस्ट किया है, इस पेज के 1 लाख से अधिक फॉलोअर्स हैं। इस तस्वीर को शेयर करने वालों की लिस्ट काफी लम्बी है।
ऐसा नहीं है कि सिर्फ फेसबुक पर बल्कि ट्विटर पर भी इस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है। और जैसा कि हम देख रहे है इसे एक जैसे शब्दों “इसके लिए असहिष्णुता दिखाने का वक्त नही आ गया है क्या अब???” के साथ सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफ़ॉर्म पर पोस्ट किया जा रहा है, जिससे यह मालूम पड़ता है कि यह व्हात्सप्प पर भी फ़ैल रहा है।
इसके लिए असहिष्णुता दिखाने का वक्त नही आ गया है क्या अब??? pic.twitter.com/CUq5946HPn
— SUNIL KUMAR (@sunil03302036) April 29, 2018
रवीश कुमार ने ऐसा नहीं कहा है और उन्होंने खुद इस बारे में अपने फेसबुक पेज से स्पष्ट करते हुए लिखा है कि “ग़ाज़ीपुर रेप केस में मुझे लेकर कई तरह की अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं। अब सोशल मीडिया पर ऐसा कुछ चलाया जा रहा है जो मैंने कही नहीं। न मैं कह सकता हूँ। आई टी सेल मेरे ख़िलाफ़ लोगों को भड़काने के लिए वायरल कर रहा है। आप इसका नमूना देखिये और गाली का भी। फिर सोचिए कि इस राजनीतिक संस्कृति का मक़सद क्या हो सकता है।” उनके फेसबुक पेज से किए गए इस पोस्ट में उन्होंने इस वायरल तस्वीर को भी रखा है।
ग़ाज़ीपुर रेप केस में मुझे लेकर कई तरह की अफ़वाहें फैलाई जा रही हैं। भद्दी गालियाँ दी जा रही हैं और धमकी भी। नरेंद्र…
Posted by Ravish Kumar on Sunday, 29 April 2018
रवीश कुमार अक्सर दक्षिणपंथियों के निशाने पर रहते हैं। पहले भी हमने देखा है कि उनके बारे में कई तरह की अफवाहें फैलाई गयी है। ऑल्ट न्यूज़ ने बताया था कि कैसे किसी अनजान को रवीश कुमार की बहन बताकर उनके खिलाफ दुष्प्रचार की कोशिश की गई थी। उन्हें ज्यादातर व्हाट्सप्प पर गन्दी गन्दी गालियों का सामना करना पड़ता है। ऑल्ट न्यूज़ ने व्हाट्सऐप पर रवीश कुमार को निशाना बनाने वाले लोगों के बारे में भी पड़ताल की थी। जिसमें हमने देखा था कि व्हाट्सप्प ग्रुप से खुद को हटाने पर पहले तो उन्हें बार बार उस ग्रुप में जोड़ा जाता था। फिर जब उन्होंने गन्दी भाषा प्रयोग किये जाने से दुःख जताया तो एक नीरज दवे नाम का व्यक्ति उन्हें व्हाट्सप्प पर यह कहता है कि “मुझे भी दुःख है तू जीवित है। “ इस नीरज दवे को प्रधानमंत्री मोदी ट्विटर पर फॉलो करते थे। इस व्हाट्सऐप ग्रुप में वह निखिल दधीच भी शामिल था जिसने वरिष्ठ पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या पर ख़ुशी मनाते हुए यह ट्वीट किया था कि “एक कुतिया कुत्ते की मौत क्या मरी सारे पिल्ले एक सुर में बिलबिला रहे है।” इस निखिल को भी ट्विटर पर प्रधानमंत्री मोदी और रेल मंत्री पियूष गोयल फॉलो करते हैं।
हाल ही में जिन फ़ोन नंबरों से रवीश कुमार को गालियाँ और धमकियाँ दी गई है उन्होंने इसकी लम्बी लिस्ट अपने फेसबुक पेज से पोस्ट की है। जिसमें देखा जा सकता है कि ना सिर्फ भारतीय बल्कि कई विदेशी फ़ोन नंबर भी शामिल है।
ये है मोदी शाह के इंडिया का सैंपल
आप सभी। स्क्रीन शाट को देखिए। पता चलेगा कि किस तरह संगठित रूप से एक पूरा तंत्र मेरे…
Posted by Ravish Kumar on Sunday, 29 April 2018
हमारी आपसे अपील है कि किसी भी चर्चित व्यक्ति के नाम से जारी किए गए संदेशों को तुरंत सच ना मान लें। रवीश कुमार के नाम से पहले भी कई फर्जी बयान फैलाए गए हैं। ऐसा कोई भी गलत बयान जो रवीश कुमार का बताकर फैलाया जा रहा हो, उसपर विश्वास करके शेयर करने से पहले उनके अधिकारिक फेसबुक पेज Ravish Kumar पर संपर्क कर किसी अन्य स्रोत से मिलने वाली जानकारी की सच्चाई की जाँच कर लें।
source- altnews