15 अगस्त से दवाओं और जांचों पर लगेगा 12 फीसदी GST

एक देश एक टैक्स जीएसटी देश में लागू हो गया है। इससे जहां कई सामान सस्ते हुए हैं तो कई महंगाई की गोद में बैठ गए हैं। जीएसटी का असर अब मरीजों के स्वास्थ्य पर भी पड़ता दिखाई देगा। आगामी 15 अगस्त के बाद दवाओं और जांच पर जीएसटी लगने जा रहा है।

ऐसे में साफ है कि यहां 9 फीसदी वैट के मुकाबले जीएसटी 12 फीसदी लगेगा। इससे 3 फीसदी का भार मरीजों और उनके तीमारदारों पर पड़ना लाजमी है। इसको देखते हुए दवा व्यापारी और अस्पताल पुराने स्टाक को जल्द से जल्द खत्म करने में लगे हैं। 15 अगस्त के बाद से नए रेट पर दवाएं मिलेंगी और जांच होगी।

केंद्र सरकार ने जब जीएसटी लागू किया था तब यह कहा था कि 15 अगस्त तक सभी जांचों को पुराने रेट पर ही करने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही यह भी तय था कि सारे उपकरण भी पुराने रेट पर मिलेंगे।

हालांकि अब इलाज में काम आने वाले जरूरी उपकरणों के साथ—साथ जांच भी महंगी होने जा रही है। इसके चलते सभी मेडिकल स्टोर वाले अपने स्टॉक को जल्द से जल्द खत्म करने में लगे हुए हैं, ताकि 15 अगस्त के बाद से नए रेट पर दवाएं और उपकरण बेच सकें।

बात करें कुछ महत्वपूर्ण चीजों की तो जीएसटी लागू होने के बाद से पेसमेकर पहले के मुकाबले 20 हजार रुपए महंगा मिलेगा। इसके अलावा डायलिसिस के मरीजों को अब 40 हजार रुपए सालाना खर्च करना होगा। इसके अलावा आंखों का लेंस भी महंगा होगा।

अब आंखों का लेंस 500 से 1000 रुपए तक महंगे हो जाएंगे। आपको बता दें कि अभी तक इलाज में इस्तेमाल होने वाले उपकरण और जांच में 5 से 9 फीसदी तक ही वैट लगता था। अब यह बढ़कर 5 फीसदी से 28 फीसदी तक हो जाएगा। इतना ही नहीं मेडिकल उपकरणों पर जीएसटी 12 फीसदी से 28 फीसदी तक लग रहा है। इसके चलते मेडिकल के बेसिक उपकरण भी महंगे हो जाएंगे।

शहर के नसीरखान मोहल्ला निवासी पुश्तर हुसैन (40वर्ष) का कहना है, “वह डायलिसिस कराते हैं। जीएसटी लगने के बाद इसका खर्च बहुत बढ़ जाएगा। इससे मुझ पर और परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। इलाज के लिए अब अधिक रुपए की आवश्कता पड़ेगी।”मछलीशहर के बरांव गांव निवासी अरविंद यादव (50वर्ष) का कहना है,“ आंखों के लेंस भी महंगे हो गए हैं। इससे बुजुर्ग मरीजों पर भी काफी असर पड़ने वाला है। ”

सर्जिकल उपकरण बेचने वाले राम अचल ने बताया,“ जीएसटी लगने के बाद मेडिकल उपकरण और जांच महंगा होने जा रहा है। जिन पर 5 फीसदी टैक्स लगता था, उसपर 12 फीसदी लगेगा और जिस पर 14 लगता था, उस पर 18 फीसदी लगेगा। ”

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेट्री एए जाफरी ने बताया, “ऑक्सीजन पर तो जीएसटी है ही इसके साथ सभी तरह की जीवन रक्षक दवाइयां महंगी हो गयी हैं, जिसका सीधा असर समाज पर पड़ता है। जाँच में पैथालॉजी में प्रयोग किये जाने वाले केमिकल पर पांच प्रतिशत जीएसटी था जो कि अब बढ़ कर 12 प्रतिशत हो गया है, जो मेडिकल यंत्रो पर 18 प्रतिशत है। व्यक्ति जांच के लिए जाएगा तो जाहिर सी बात है कि उसे जांच के पैसे ज्यादा देने पड़ेंगे। ”

 

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