पटाखा बिक्री पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश से प्रदूषण पर क्या असर रहा?

दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन से प्रदूषण कम हुआ? जवाब हवाओं में तैर रहा है.

प्रदूषण पर काबू पाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाया था. लेकिन इस बैन का बड़ा फ़ायदा दिल्ली की हवाओं में देखने को नहीं मिल रहा है.

आसमान में प्रदूषण भरी धुंध साफ देखी जा सकती है. आंकड़ों की भी बात करें तो बीते साल दिवाली से प्रदूषण कम तो हुआ है लेकिन इसमें बड़ी गिरावट नहीं है.

इस दिवाली और बीते साल की दिवाली की तुलना

एक्शन एंड इंटरनेशनल के साथ जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर काम करने वाले हरिजीत सिंह ने बीबीसी को बताया, ”सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड एयर क्वालिटी इंडेक्स से प्रदूषण को नापते हैं. इनका कहना है कि दिवाली की रात को एयर क्वालिटी इंडेक्स 319 है और यही इंडेक्स पिछली दिवाली पर 431 था.

  • जबकि दोनों ही खतरनाक है. 300- 400 के बीच जो होता है, उसे बहुत खराब कहा जाता है.
  • 401 से जो ऊपर होता है, उसे खतरनाक माना जाता है. लेकिन अगर बीते साल की दिवाली से तुलना करें तो प्रदूषण कम है.
  • प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के आंकड़े कहते हैं कि शाम छह बजे तक वायु और ध्वनि प्रदूषण कम था. लेकिन रात 11 बजे के क़रीब ये काफी बढ़ा है.”

 

दिल्ली: दिवाली की अगली सुबह प्रदूषण का हाल?

दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी के मुताबिक, 20 अक्टूबर सुबह 7.25 बजे मेजर ध्यान चंद स्टेडियम के एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन पर पार्टिकुलेट मैटर PM 2.5 लेवल 985 µg/m3 रहा.

  • आरके पुरम मॉनिटरिंग स्टेशन पर PM2.5 और PM10 क्रमश: 878 और 1,179 माइक्रोग्राम्स प्रति क्यूबिक मीटर रहा.
  • वहीं इसी स्टेशन पर 20 अक्टूबर सुबह सात बजे PM2.5 684 और PM10 978 है.
  • मंदिर मार्ग इलाके में PM2.5 404 और PM10 941 है.
  • आनंद विहार में शुक्रवार सुबह 7.50 बजे PM2.5 473 रहा.

 

सामान्य से दस गुणा ज़्यादा प्रदूषण

PM लेवल यानी वो स्तर, जिसके तहत हवा में धूल-कण की मात्रा को नापा जाता है. PM 2.5 को 60 µg/m3 और PM 10 का सही स्तर 100 µg/m3 को माना जाता है. यानी इस दिवाली में भी प्रदूषण का स्तर सामान्य से दस गुना ज़्यादा रहा.

सुप्रीम कोर्ट ने 9 अक्टूबर को एक नवंबर तक दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर बैन लगाया था.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने ऑर्डर में कहा है कि कुछ शर्तों के साथ पटाखों की बिक्री एक नवंबर, 2017 यानी दिवाली गुज़र जाने के बाद फिर से की जा सकेगी

हालांकि कोर्ट के आदेश में पटाखों के जलाए जाने पर बैन नहीं था. इसी के चलते दिल्ली-एनसीआर में दिवाली की रात तक पटाखों का शोर साफ़ सुना जा सकता था.

अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वो इस बैन का मक़सद ये देखना है कि क्या दिवाली से पहले पटाखों के बिक्री पर बैन से प्रदूषण में कमी आती है या नहीं.

 

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