1993 मुंबई ब्लास्ट: अबू सलेम समेत 7 दोषियों पर टाडा कोर्ट आज सुनाएगी फैसला

मुंबई: मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट आज गैंगस्टर अबू सलेम सहित सात दोषियों से जुड़े 1993 मुंबई सीरियल ब्लास्ट मामले में सुनवाई के दूसरे चरण में अपना फैसला सुना सकती है। 2005 में शुरू हुए इस ट्रायल में करीब 12 साल बाद फैसला आएगा।

विस्फोट में हुई थी 257 लोगों की मौत
इस बम विस्फोट में 257 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 713 गंभीर रूप से घायल हुए थे और इससे 27 करोड़ रुपए की संपत्ति नष्ट हो गई थी। साल 2007 में पूरे हुए सुनवाई के पहले चरण में टाडा अदालत ने इस मामले में याकूब मेमन सहित सौ आरोपियों को दोषी ठहराया था जबकि 23 लोग बरी हुए थे।

क्या हुआ था 1993 में
-मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में दोपहर 1:30 बजे पहला धमाका हुआ।
-नरसी नाथ स्ट्रीट में दोपहर 2:15 बजे दूसरा धमाका
-शिव सेना भवन में दोपहर 2:30 बजे तीसरा धमाका
-एयर इंडिया बिल्डिंग में दोपहर 2:33 बजे चौथा धमाका
-सेन्चुरी बाज़ार में दोपहर 2:45 बजे पांचवां धमाका
-माहिम में दोपहर 2:45 बजे छठा धमाका
-झवेरी बाज़ार में दोपहर 3:05 बजे सातवां धमाका
-सी रॉक होटल में दोपहर 3:10 बजे आठवां धमाका
-प्लाजा सिनेमा में दोपहर 3:13 बजे नौवां धमाका
-जुहू सेंटूर होटल में दोपहर 3:20 बजे दसवां धमाका
-सहार हवाई अड्डा में दोपहर 3:30 बजे ग्यारवां धमाका
-एयरपोर्ट सेंटूर होटल में दोपहर 3:40 बजे बारहवां धमाका

अब तक के ट्रायल में क्या हुआ
-मुस्तफा दोसा 2004 में गिरफ्तार हुआ था। अबू सलेम का 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण हुआ था। इसके अलावा बाकी के पांच आरोपी भी दुबई से भारत लाए गए थे।

-साल 2007 में मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने 100 अभियुक्तों को सजा हुई थी। जिसमें याकूब मेमन को फांसी की सजा मिली थी

-सात आरोपियों सलेम, मुस्तफा दोसा, करीमुल्ला खान, फिरोज अब्दुल रशीद खान, रियाज सिददीकी, ताहिर मर्चेंट तथा अब्दुल कायूम की सुनवाई मुख्य मामले से अलग कर दी गई थी क्योंकि उन्हें मुख्य सुनवाई खत्म होने के वक्त गिरफतार किया गया था।

-मुंबई बम धमाकों का मुख्य आरोपी दाऊद इब्राहिम 1995 से फरार घोषित है और पाकिस्तान की सरपरस्ती में छिपा बैठा है। आने वाले फैसले का असर फरार आरोपियों के प्रत्यार्पण में भी मदद साबित होगा।

-सलेम ने अवैध रूप से हथियार रखने के आरोपी अभिनेता संजय दत्त को
AK 56 राइफलें, 250 कारतूस और कुछ हथगोले 16 जनवरी 1993 को उनके आवास पर उन्हें सौंपे थे। दो दिन बाद 18 जनवरी 1993 को सलेम और उसके दो अन्य साथी संजय दत्त के घर गए और वहां से दो राइफलें तथा कुछ गोलियां लेकर वापस आए थे।

 

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