अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मॉनसून के आगमन के लिए मौसम अब अनुकूल बनाता दिखाई दे रहा है। मौसमी स्थितियाँ जिस दिशा में और जिस गति से अपना स्वरूप बादल रही हैं उससे अगले कुछ दिनों में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में दस्तक देने की संभावना के तौर पर देखा जा रहा है।
स्काइमेट के अनुसार अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मॉनसून आमतौर पर 20 मई को दस्तक देता है। इस समय मौसम से जुड़े मॉडल संकेत दे रहे हैं कि अगले 2-3 दिनों में दक्षिणी अंडमान सागर में बारिश में व्यापक रूप में बढ़ोत्तरी हो सकती है। दक्षिणी अंडमान सागर पर आने वाले दिनों में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो सकता है जिसके चलते अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह के भागों में बारिश बढ़ेगी।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार यह सिस्टम धीरे-धीरे प्रभावी होगा और निम्न दबाव का रूप ले लेगा। इसी मौसमी सिस्टम के प्रभाव से 15 मई से दक्षिणी अंडमान सागर में मध्यम से भारी वर्षा शुरू होगी जिससे दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में दस्तक देने के लिए मौसम अनुकूल हो जाएगा और ऐसी परिस्थितियाँ बन सकती हैं कि मौसम वैज्ञानिक दक्षिण पश्चिम मॉनसून के आगमन की घोषणा कर दें।मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दक्षिण पश्चिम मॉनसून 17 मई को दक्षिणी अंडमान सागर में पहुँच सकता है। हालांकि उत्तरी अंगमन सागर में यह 20 मई की अपनी नियत तिथि तक पहुँच सकता है।
इस बीच यहाँ यह स्पष्ट करना ज़रूरी है कि अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में मॉनसून के आगमन और इसके केरल में पहुँचने के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। मॉनसून आमतौर पर अंडमान व निकोबार द्वीपसमूह में आगमन के दो सप्ताह बाद केरल पहुंचता है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून का केरल में आगाज़ ही भारत में मॉनसून की औपचारिक शुरुआत माना जाता है। केरल में मॉनसून के आगमन की सामान्य तिथि 1 जून है और यह 30 जून तक भारत के विभिन्न भागों को बारिश देता है।
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