5 साल में आखिर क्यों डेरा छोड़ गई 24 साध्वियां?, जानिए चार्जशीट में क्या हैं संगीन आरोप

चंडीगढ़ (अविनाश पांडेय):साध्वी यौन शोषण प्रकरण की जांच करना सी.बी.आई. के लिए बहुत मुश्किल टास्क था। न सबूत और न ही गवाह। सी.बी.आई. के पास अगर कुछ था तो सिर्फ एक गुमनाम चिट्ठी। इसी चिट्ठी के सहारे सी.बी.आई. ने दिसंबर 2002 से अपनी जांच प्रक्रिया शुरू की थी जो 5 साल की लंबी मशक्कत के बाद 30 जुलाई 2007 को पूरी हो सकी थी। सी.बी.आई. ने 5 साल में गवाह तलाशे। जांच का जिम्मा सी.बी.आई. के बड़़े अफसर डी.आई.जी. एम. नारायणन और डी.एस.पी. सतीश डागर को सौंपा गया था। दोनों अफसरों ने 30 जुलाई 2007 को अंबाला में विशेष सी.बी.आई. जज के निवास पर चार्जशीट दाखिल की थी। अगले ही साल 2008 में अंबाला सी.बी.आई. कोर्ट में डेरामुखी के खिलाफ आरोप तय हो गया था। उसके बाद से 9 साल तक ट्रायल की प्रक्रिया चलती रही, 52 अलग-अलग गवाहों ने बयान दिया। 15 प्रोसिक्यूशन व 37 डिफैंस के गवाह इस लिस्ट में शामिल थे। अब 25 अगस्त को फैसला आना है।

5 साल में 24 साध्वियों ने छोड़ा डेरा
सी.बी.आई. ने चार्जशीट में कहा कि डेरे में लगभग 130 साध्वियां रहती थीं, जिनमें से वर्ष 1997-2002 के बीच 24 साध्वियों ने डेरा छोड़ दिया था। जो साध्वियां डेरे में रहती थीं, उन पर डेरामुखी का पूरा नियंत्रण था। जांच के अनुसार सी.बी.आई. को 24 साध्वियों में से 20 का पता चल पाया, अधिकांश की शादी हो चुकी थी। 18 साध्वियों के बयान सी.बी.आई. ने दर्ज किए हैं।

डेरामुखी का रास्ता गर्ल्स होस्टल से जुड़ा हुआ था
सी.बी.आई. ने अपनी चार्जशीट में डेरामुखी पर संगीन आरोप लगाए हैं। चार्जशीट में कहा गया है कि साध्वियों ने अपने बयान में जिस तरह अपने साथ हुए यौन शोषण मामले का सिलसिलेवार तरीके से जिक्र किया है वह गुमनाम पत्र के आरोपों को पुख्ता करता है। सी.बी.आई. ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि डेरा सच्चा सौदा की स्थापना 1948 में हुई थी,1990 में संत राम रहीम गुरमीत सिंह को डेरे का प्रमुख बनाया गया। पुराना डेरा सच्चा सौदा 25 एकड़ के करीब फैला था जो अब नया डेरा करीब 600 एकड़ तक पहुंच गया है। सी.बी.आई. के अनुसार पुराने डेरे की बिल्डिंग से शाह सतनाम गल्र्स स्कूल और गल्र्स कालेज जुड़े हुए हैं,वहां की लड़कियां उसी बिल्डिंग के गल्र्स होस्टल में रहती थीं। डेरे में जो शिक्षित साध्वी थी वह डेरे के लोगों को पढ़ाने का काम करती थी। जो साध्वियां टीचर के तौर पर काम करती थीं वे पुराने डेरे में स्थित होस्टल में रहा करती थीं। चार्जशीट में कहा गया कि डेरामुखी ने जिस गुफा में अपना निवास बनाया था उस गुफा का रास्ता गल्र्स होस्टल से जुड़ा था और उसके तीन रास्ते थे जिसका एक गेट गल्र्स होस्टल से जुड़ा हुआ था जबकि अन्य 2 रास्ते सत्संग ग्राऊंड से जुड़े थे। सी.बी.आई. ने कहा कि इसका पूरा नक्शा खुद डेरे के प्रबंधक इंद्रसेन ने उन्हें मुहैया करवाया था।

मुख्य साध्वी ने कहा, मेरे भाई की हत्या हुई फिर मुझसे रेप 
डेरामुखी पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली मुख्य साध्वी ने कोर्ट में अहम बयान दिया है। सी.बी.आई. की चार्जशीट के अनुसार मुख्य साध्वी कुरुक्षेत्र के खानपुर कौलिया निवासी की बहन है। उसके भाई की 10 जुलाई 2002 को गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसका भाई लंबे समय से डेरा अनुयायी था और वह परिवार समेत डेरे में ही रहता था। उसका भाई एक साल पहले अपनी साध्वी बहन और बेटियों के साथ डेरा छोड़कर आ चुका था। साध्वी ने बताया कि उसने 1999 में डेरा ज्वाइन किया था,वह नए डेरे में रहती थी और 2001 तक डेरे में रही। उसी दौरान अक्तूबर में उसकी शादी हो गई।

साध्वी ने बताया कि पुराने डेरे में जहां डेरा प्रमुख गुफा में रहते थे,वहां साध्वियों की संतरी ड्यूटी लगती थी। जब वह गुफा के गेट पर संतरी ड्यूटी पर थी तो देर रात उसने देखा कि दो साध्वियां गुफा की ओर जा रही थीं। कुछ समय बाद एक ने डेरामुखी को गाली देते हुए डेरा छोड़ दिया। मुख्य साध्वी ने बताया कि उसने एक और साध्वी को गुफा से बाहर आते हुए देखा तो वह रो रही थी। अगले ही दिन उसके परिजन डेरे में आए और उसके बाद फिर एक और साध्वी ने भी डेरामुखी को राक्षस कहते हुए डेरा छोड़ दिया। इसी तरह से एक अन्य साध्वी ने भी बाबा के व्यवहार को गलत बताते हुए डेरा छोड़ दिया था। चार्जशीट केे अनुसार मुख्य साध्वी से 2 बार दुष्कर्म किया गया।

 

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