पतंजलि को झटका, साबुन के विज्ञापन पर लगी रोक!

बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के टॉयलेट साबुन टीवी विज्ञापन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. दरअसल हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL) ने विज्ञापन पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा था कि इसमें उसके साबुन ब्रैंड्स को टारगेट किया जा रहा है.

हाईकोर्ट ने पतंजलि आयुर्वेद को निर्देश दिया है कि अगली सुनवाई तक विज्ञापन पर रोक लगाई जाए. इस मामले में अगली सुनवाई 18 सितंबर को होगी. आपको बता दें कि अभी तक पतंजलि आयुर्वेद की ओर से कोई भी बयान जारी नहीं हुआ है.

टॉयलेट सोप के 15 हजार करोड़ के बाजार पर HUL का आधा कब्जा है. एफएमसीजी प्रॉडक्ट्स उतारने वाली पतंजलि ने नैचुरल और आयुर्वेदिक के नाम पर अपने प्रॉडक्ट्स की मार्केटिंग की है साथ ही पतंजलि ने अपनी प्रतिद्वंदी कंपनियों पर विज्ञापन के जरिए सीधा हमला शुरू कर रखा है

पतंजलि के साबुन वाले विज्ञापन पर लगी रोक


हिंदुस्तान यूनिलीवर के मुताबिक हम इस बात की पुष्टि करते हैं कि बॉम्बे हाईकोर्ट ने पतंजलि के केमिकल बेस्ड साबुन वाले विज्ञापन पर अलगी सुनवाई तक रोक लगा दी है. मामला कोर्ट में होने के कारण हम इस पर और कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.

क्या है मामला

    • पतंजलि के विज्ञापन में लक्स, पेयर्स, लाइफबॉय और डव का नाम लेकर अप्रत्यक्ष तरीके से उपभोक्ताओं को कहा है कि केमिकल बेस्ड साबुनों का प्रयोग न करें और प्राकृतिक अपनाएं. पतंजलि का यह विज्ञापन 2 सितंबर से प्रसारित किया जा रहा है. सोमवार को हिंदुस्तान यूनिलीवर ने बॉम्बे हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया.
  • HUL के ब्रैंड लक्स पर अप्रत्यक्ष वार करते हुए पतंजलि के विज्ञापन में लाइन है, फिल्मस्टार्स के केमिकल भरे साबुन न लगाओ. आपको बता दें कि लक्स के विज्ञापन में सभी बड़े फिल्म सितारें आ चुके हैं. पेयर्स पर निशाना मारते हुए विज्ञापन में लाइन है, टीयर्स बढ़ाए फीयर्स. इसके अलावा लाइफबॉय के लिए लाइन है, लाइफजॉय न लाओ यार.

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