नई दिल्ली :प्रॉविडेंट फंड (PF) सैलरीड लोगों के लिए रिटायरमेंट के वक्त मिलने वाला सबसे बड़ा आकर्षण होता है। पीएफ से मिलने वाली रकम पूरी तरह टैक्स फ्री (PF Tax Free) होती है। इस पर मिलने वाला ब्याज भी इनकम में नहीं जोड़ा जाता। जिन लोगों की सैलरी से आमदनी ज्यादा है, उनका पीएफ (PF contribution) में किया गया योगदान और इकट्ठा हुआ ब्याज भी अधिक होता है। सरकार पीएफ फंड में ब्याज दर को एफडी (PF vs FD) से ऊंचा बनाए हुए है। पीएफ पर ब्याज जहां 8 फीसदी की रेंज में है, वहीं एफडी पर ब्याज को 5 फीसदी की रेंज में रखा गया है।
बदला नियम
नए नियम में हाई इनकम ब्रैकेट वाले लोगों को पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की छूट को कम किया गया है। अगर किसी शख्स का पीएफ (PF) में सालाना योगदान 2.5 लाख रुपये (PF 2.5 Lakhs) से ज्यादा होगा तो 2.5 लाख रुपये से ज्यादा वाली रकम पर उसे जो भी ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स देना (Tax on PF) होगा।
नए नियम में हाई इनकम ब्रैकेट वाले लोगों को पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की छूट को कम किया गया है। अगर किसी शख्स का पीएफ (PF) में सालाना योगदान 2.5 लाख रुपये (PF 2.5 Lakhs) से ज्यादा होगा तो 2.5 लाख रुपये से ज्यादा वाली रकम पर उसे जो भी ब्याज मिलेगा, उस पर टैक्स देना (Tax on PF) होगा।
हाइलाइट्स:
- हाई इनकम ब्रैकेट वाले लोगों को पीएफ पर मिलने वाले ब्याज की छूट हुई कम
- आपके पीएम में योगदान को देखा जाएगा, कंपनी या सरकार के योगदान को नहीं
- VPF कटवाते हैं तो वह भी इसमें जुड़ेगा, पीपीएफ का इससे लेना-देना नहीं
- बजट 2021 में विदड्रॉल के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया गया
- 2.5 लाख रुपये का कैप सिर्फ एंप्लॉयी कंट्रीब्यूशन पर है, इसमें एंप्लॉयर कंट्रीब्यूशन नहीं जुड़ेगा
इसे एक उदाहरण से समझते हैं। मान लें शर्मा जी ने वित्त वर्ष 2021-22 में 3 लाख रुपये पीएफ में योगदान (PF Contribution) दिया। ऐसे में ढाई लाख की रकम पर उन्हें जो ब्याज (PF interest) मिलेगा, वह तो टैक्स फ्री होगा, लेकिन 50 हजार पर मिलने वाले ब्याज की रकम पर उन्हें टैक्स देना होगा। अब शर्मा जी अगले वित्त वर्ष यानी 2022-23 में 4 लाख पीएफ में डाल देते हैं तो उन्हें डेढ़ लाख रुपये की रकम पर मिलने वाले ब्याज पर तो टैक्स देना ही होगा, इसके साथ ही पिछले साल जो 50 हजार रुपये ढाई लाख की लिमिट से ऊपर डाले गए थे, उन पर भी तो 2022-23 में ब्याज मिलेगा। इस ब्याज पर भी उन्हें टैक्स देना होगा। वित्त मंत्री ने साफ किया है कि इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए सरकार एक नया सिस्टम लेकर आएगी।