भारत,नयी दिल्ली,16 सितम्बर 2021,अफगानिस्तान में तालिबानियो के कब्ज़े के बाद,उन्होंने वह सरकार बनाए की कवायत शृरु की,सरकार बनी,आपस में झगड़ाशुरू हुआ, क्या फिर यहाँ क्षेत्र फिर हयुद्ध की तरफ बढ़ रहा है? क्या अफगानिस्तान की राजनीति में सीआईए ने दखल दिया ।मौजूदा सरकार का गठन गुटों में बराबरी से होना था लेकिन आपसी सामंजस्य, गुटबाजी और वर्चस्व के चलते सब फ़ैल हो गया।। हक्कानी नेटवर्क(पाकिस्तान समर्थित) और तालिबान के कई गुटों में लगातार झड़प बढ़ई जा रही है।
तालिबानियों ने अफ़ग़ानिस्तान पर कब्ज़ा कर इस्लामिक गणतंत्र से इस्लामिक अमीरात बनाने की घोषणा की थी, तालिबान ने सात सितंबर को नई सरकार की घोषणा की ,सभी पुरुष हैं और मुख्य कैबिनेट में वह लोग हैं, दो दशकों में अमेरिकी बलों पर हमले के लिए जाने हैं.जाते।
ऐसा खबरों में आया कि सह-संस्थापक मुल्ला गनी बरादर के गुट और एक कैबिनेट सदस्य में जबरदस्त टकराव हुआ । मुल्ला बरादर भी अंडरग्राउंड हुआ और फिर एक चिट्ठी के साथ विडिओ में दिखा। समस्त मीडिया का कहना है कि तालिबान में लीडरशिप को लेकर तकरार है। वैसे अफगानिस्तान के हालत अच्छे नहीं है,अधिकतर देश अभी चुप्पी साधे हुए है। लोकतंत्र अफ़ग़ानिस्तान में समाप्त हुआ है और तालिबानी राज्य जारी है,जिसमे औरतो की आज़ादी ,डांस,सिनेमा,नाटक,आदि सब बंद है। जरा सी बात पर मौत के घाट उतराना ,कोड़े बरसाना,बच्चो के साथ अनैतिक कार्य आदि जग जाहिर है। @फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम
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