
इस अवधि में राजनीतिक दलों में सबसे ज्यादा चंदा भाजपा को मिला। पार्टी को 2987 दानकर्ताओं से 705.81 करोड़, कांग्रेस को 167 दानकर्ताओं से 198.16 करोड़ रुपये का चंदा मिला। पार्टियों को सबसे ज्यादा चंदा 2014-15 में मिला, जिस साल लोकसभा के चुनाव हुए थे। चार साल के कुल कॉरपोरेट चंदे की 60 फीसदी राशि इसी एक साल में मिली।
दिन-दूनी, रात-चौगुनी वृद्धि
इससे पहले एडीआर ने 2004-05 से 2011-12 तक आठ साल के लिए राजनीतिक चंदे की रिपोर्ट जारी की थी। उसमें राष्ट्रीय दलों को कुल 378.89 करोड़ रुपये का चंदा मिला था, जबकि इसके बाद से चार वर्षों में यह बढ़कर 956.77 करोड़ रुपये हो गई।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
शीर्ष अदालत के 13 सितंबर, 2013 के फैसले के अनुसार 20 हजार रुपये से ज्यादा का चंदा देने वाले व्यक्ति या संस्था को अपना पैन नंबर देना अनिवार्य है। राजनीतिक दल के लिए ऐसे सभी चंदे का ब्यौरा चुनाव आयोग को देते समय इसके लिए निर्धारित फॉर्म 24ए की सभी प्रविष्टियां भरना जरूरी है।