लखनऊ : यूपी में सीएम योगी सरकार ने सरकारी सेवा की कसौटी पर खरे न उतरने वाले प्रशासनिक सेवा के अफसरों की छुट्टी कर देने का मन बना लिया है. जिसके चलते सरकारी सेवा में अक्षम कर्मियों की अनिवार्य सेवनिवृत्ति की मुहिम में 50 साल की उम्र पार कर चुके करीब 50 पीसीएस अधिकारी चिन्हित किए हैं. इन चिन्हित अफसरों के अभिलेखों की बारीकी से पड़ताल की जा रही है ताकि इनकी नौकरी से छुट्टी किये जाने के बाद इन्हें आदेश के खिलाफ अदालत जाने का मौका न मिल सके.
चिन्हित अफसरों के नाम दाग में शामिल
सूत्रों के मुताबिक चिन्हित किये गए सभी अफसरों पर किसी न किसी तरह के घोटाले का आरोप हैं. इसलिए माना ये जा रहा है कि योगी सरकार ने सूबे के दागी अफसरों की पूरी तरह से छुट्टी करने का मन बना लिया है. बताया जाता है कि जिन अफसरों को चिन्हित कर शासन ने अपनी सूची में डाला है. इन सभी अफसरों के खिलाफ कोई न कोई जांच चल रही है. शासन के सूत्रों का कहना है कि मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा है कि चिन्हित अफसरों के अभिलेखों की पूरी सावधानी से पड़ताल की जाए और निर्णय इस तरह से हो कि संबंधित को न्यायालय जाने पर मौका न मिले.
सर्विस रिकार्ड की गहराई से पड़ताल के आदेश
सूत्रों के मुताबिक शुक्रवार को मुख्य सचिव राजीव कुमार की अध्यक्षता में पीसीएस अधिकारियों की स्क्रीनिंग के संबंध में समिति की बैठक हुई. इसमें करीब 50 अधिकारियों की छंटनी कर फाइलें रखी गईं. इनमें ज्यादातर अधिकारी दागी हैं और उनके खिलाफ किसी न किसी स्तर पर कार्रवाई चल रही है. कई अधिकारियों के अभिलेखों में कमी भी सामने आई. जिसके चलते मुख्य सचिव ने कहा है कि अनिवार्य सेवानिवृत्ति की कार्रवाई में किसी तरह की हड़बड़ी न की जाए. सर्विस रिकार्ड की गहराई से पड़ताल की जाए और फाइल में जो दस्तावेज अधूरे हैं, उसे पूरा किया जाए. कार्रवाई इस तरह की जाए कि कोर्ट में जाने पर मौका न मिले. बताया गया है कि जिन अधिकारियों की छंटनी की गई है, उनके सभी जरूरी दस्तावेज जुटाकर कमेटी की फिर से बैठक की जाएगी.एक्शन में आये CM योगी
मालूम हो कि योगी ने सीएम पद संभालते ही ये कहा था कि जो अफसर और कर्मचारी अधिक मेहनत नहीं कर सकते वो नौकरी छोड़कर चले जायें, क्योंकि सरकार कि कसौटी पर खरे न उतरने वाले अफसरों को सरकार कतई बर्दाश्त नहीं करेगी. फिलहाल बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के यहां से लौटने के बाद योगी सरकार एक्शन में आ गयी है. समझा जाता है कि सरकार पर विपक्ष के हो रहे हमलों को लेकर शाह और सीएम योगी के बीच हाल ही में सरकार को बेहतर तरीके से चलाने को लेकर हुई बैठक में सीएम योगी को उन्होंने पूर्णरूप से अपने फैसले लेने का अधिकार देते हुए कुछ मंत्रियों को उनके काम में अड़चने डालने को लेकर फटकार भी लगायी थी. इसी का नतीजा है कि उनके वापस लौटने के बाद से सीएम योगी एक्शन में दिखाई दे रहे हैं.
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