बात दिल्ली की हो या फिर लखनऊ की. बिहार की हो या अमृतसर की. मोमोज आपको कहीं भी सड़क के कोने में बिकते हुए दिख सकते हैं. हाल ही में Gobuzzinga ने नोएडा के एक मॉल में मोमोज फेस्टिवल का आयोजन किया जहां हमें लगभग 400 से ज्यादा मोमोज की वेरायटी देखने को मिली. बात आगे बढ़ाएं इससे पहले जानते हैं इस फेस्टिवल के आयोजक शांतनु वर्मा से कि उन्होंने अपने इस फेस्टिवल के लिए बस मोमो ही क्यों चुना.
मोमो एक चाइनिज शब्द है. जिसका अर्थ है भाप में पकी हुई रोटी. इस रोटी में अपनी पसंद अनुसार स्टफ भर सकते हैं. जैसे-जैसे मोमोज लोगों को पसंदीदा खाने के मीनू में शामिल होता जा रहा है उसी तरह दुकानदार भी कोशिश कर रहे हैं इसे एक अलग तरह के दिलकश अंदाज में लोगों के सामने परोसें. चॉकलेट मोमोज, वोडका मोमोज, गलौटी कबाब मोमोज, पेरी मोमोज, अफगानी मोमोज और भी कई सारी वेरायटी बाजार में आ चुकी है. वोडका मोमो का नाम सुनकर आप हैरान हो गए होंगे. ये कैसा फ्लेवर होता होगा?? हम आपको दिखाते हैं ये कैसे बनाया जाता है.
आपको बता दें मोमो नेपाल , तिब्बत और भूटान में मोमोज के नाम से जाना जाता है , वहीं चाइना में इन्हें डिमसम कहते हैं. इसमें सूअर का मांस , बीफ , झींगा और सब्जियां , टोफू भरे जाते हैं.
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