GST पर कन्फ्यूजन : दवा कंपनियों ने रोके पुराने स्टॉक, बाजार में दवाओं की किल्लत

नई दिल्ली : जीएसटी को लेकर कन्फ्यूजन के कारण मधुमेह और अन्य दिल की बीमारियों के लिए जरूरी दवाओं में किल्लत की खबर आ रही है। एक रिपोर्ट के अनुसार दवा कंपनियों द्वारा इन दवाओं का पुराना स्टॉक रोक लिया गया है। जिससे दवाओं की सप्लाई में 60 फीसदी तक की कमी आयी है।

वित्त मंत्रालय का कहना है की उसे दवाओं की कमी की कोई सूचना नहीं मिली है और अगर इस तरह की बात सामने आयी तो स्टॉक रोकने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। हालाँकि उपभोक्ता मंत्रालय की ओर से इसको लेकर कुछ निर्देश भी जारी किये गए हैं। साथ ही पुराने स्टॉक की जानकारी 60 दिन के अंदर देनी होगी।

कंपनियों के गोदामों में करोड़ों की दवाइयां पड़ी हैं और वह उसे बाजार में इसलिए नहीं उतार रही हैं क्योंकि कंपनियों को पुराने स्टॉक पर केवल वैट और उत्पाद शुल्क की ही छूट दी गई है। दवाओं पर अब टैक्स 9 फीसदी से बढ़ाकर 12 फीसदी कर दिया गया है। जबकि कई कारोबारियों द्वारा अभी तक रजिस्ट्रेशन न करा पाने के कारण भी यह स्थिति सामने आयी है।

इन दवाओं में हुई कमीहेपेटाइटिस बी का इंजेक्शन,’ डायलिसिस, ब्लड प्रेशर की दवाएं’, गंभीर रोगियों की जान बचाने वाले सेफ्टेक्सान, सिसोरैक्जिम, टेमनिक एसिड व मेरोफेनम इंजेक्शन’, मल्टी विटामिन्स, मल्टी फूड विटामिन’, कुत्ते के काटने की दवा रैबीज’, फेंसिड्रिल कफ सीरप’, गुर्दा रोगियों की दवा एल्बुमिन’, आई ड्रॉप्स, टेरामाइसीन’, टीबी, डायरिया दवा’, मधुमेह की दवा आमारिल-एम, जनोविया,’ लोपेज इमरजेंसी ड्रग, गैस के लिए लूज’, ब्लडप्रेशर की दवा लेसिक.

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