NIT मिज़ोरम में ज़हरीले खानपान से हुई बिहार के छात्र की मौत, देश भर के परिसरों में आक्रोश

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्‍नोलॉजी, मिज़ोरम में 31 मार्च को एक छात्र की दूषित खान-पान से हुई मौत के बाद देश भर के एनआइटी के छात्रों में भारी आक्रोश है। शुक्रवार को देश भर के एनआइटी परिसरों में छात्रों ने बिहार के खगडि़या निवासी छात्र देवशरण को श्रद्धांजलि देते हुए कैंडिल मार्च निकाला। अफ़सासे की बात है कि एकाध अंग्रेजी के पोर्टलों को छोड़ दें तो देश के सुदूर कोने में प्रशासनिक लापरवाही से हुई मौत पर उबला छात्रों का आक्रोश समूचे मीडिया से नदारद है।

 

देवशरण की मौत के बाद उसके पिता ने NIT, Mizoram के खिलाफ़ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई है।

एनआइटी मिजोरम में बीटेक प्रथम वर्ष छात्र देशरण की हॉस्टल में दिए जाने वाले ख़राब खाने के कारण 31 मार्च को मौत हुई थी। हॉस्टल में पानी और खाने की खराब गुणवत्ता के कारण उसके गले और निचली श्‍वसन नली में संक्रमण हो गया तथा सेप्‍टीसीमिया के दौरे के कारण मृत्यु हो गई। हॉस्टल के बाकी छात्र 3 अप्रैल को हड़ताल पर चले गए जिस दौरान दो छात्रों ने आत्मदाह का भी प्रयास किया।

देवशरण की मौत के छह माह पहले से ही छात्र कॉलेज प्रशासन को खाने की गुणवत्ता और अशुद्ध पानी को लेकर शिकायत कर रहे थे। छात्रों का कहना है कि हॉस्टल में शुद्ध पानी के लिए एक भी आरओ सिस्टम नहीं है और मेस के खाने में कीड़े पाए जाते हैं।

 

इस मुद्दे पर देवशरण की मौत से पहले तीन बार छात्रों ने हड़ताल की जिनमें वो हर बार शामिल रहा। देवशरण को सर्दियों के बाद हुई पहली बारिश के दौरान गले में दिक्कत हुई जब उसने बिना फिल्‍टर किया हुआ संग्रहित वर्षा जल वाटी कूलर से पी लिया। बरसात के पानी को बिना फिल्‍टर किए वाटरकूलर में डाल दिया गया था जिससे उसके अलावा उस वक्‍त कई और छात्रों को समस्या हुई थी।

शिकायत के बावजूद प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। छात्र की तबियत खराब होने पर उसके दोस्त उसको आठ किमी दूर अस्पताल ले गए और अपनी जेब से खर्च किया। उसके रूममेट के अनुसार कॉलेज के पास इमरजेंसी के लिए एक एम्बुलेंस तक नहीं है। एक गाड़ी है जिससे एम्बुलेंस और कॉलेज के तमाम कामों के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे कि मेस से कॉलेज तक लंच ले जाना।

 

देवशरण की हालत बिगड़ने पर छात्रों ने वार्डन और परीक्षा प्रभारी से छुट्टी के लिए अपील की क्योंकि देवशरण सेमेस्टर परीक्षा में उपस्थित होने में अक्षम था। उसको छुट्टी नहीं दी गई। परीक्षा के दौरान जब हालत और ज्यादा ख़राब हुई तब उसको घर भेजने का फैसला किया गया। 29 मार्च को घर जाते समय उसकी तबियत और बिगड़ गई। गुवाहाटी में उसको अस्पताल में भर्ती कराया गया क्योंकि एयरलाइन ने उसको यात्रा के लिए अनफिट घोषित कर दिया। दो दिन बाद उसकी मृत्यु हो गई।

 

देवशरण की मौत के बाद एनआइटी की प्रशासनिक लापरवाही पर देश भर के परिसरों से छात्रों का विरोध और आक्रोश फूट पड़ा। छात्रों ने कॉलेज प्रशासन से बात करने से मना कर दिया है। कोई कारवाई न होने पर छात्रों ने आत्मदाह का प्रयास किया लेकिन उनको रोक लिया गया। छात्रों ने अपनी मांगें जिला प्रशासन और राज्य के मुख्यमन्त्री को सौंप दी हैं।

 

इस मामले में मीडिया ने कोई संज्ञान नहीं लिया जिसके कारण छात्रों ने दूसरे एनआइटी और आइआइटी के छात्रों से संपर्क किया ताकि इस मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर तक उठाया जा सके। इस मामले में पुलिस जांच शुरू होने के बाद छात्रों ने हड़ताल वापस ले ली है, लेकिन आंदोलन जारी है। जेएजेएनयू के छात्रसंघ ने भी एनआइटी मिज़ोरम के संघर्षरत छात्रों का समर्थन किया है।