नई दिल्ली: बिहार में कानून की आड़ में अपराध का एक ऐसा सच स्टिंग ऑपरेशन में सामने आया है जिसे जानकर आप भी चौंक जाएंगे। लोगों का कत्ल करने के बाद अपराधी जेल जाता है फिर जेल से बाहर आकर अपराध का खेल शुरू कर देता है। ये अपराधी सिर्फ इसलिए जेल से बाहर निकल आते हैं क्योंकि इनकी तरफ से अदालत में झूठा सर्टिफिकेट दिया जाता है। अदालत में यह बताया जाता है कि वे नाबालिग हैं।
हमारे देश में जो कानून है उसके मुताबिक नाबालिग को 18 साल से कम उम्र के अपराधी को ज्यादा से ज्यादा तीन साल की सजा हो सकती है। और नाबालिग अपराधी को बेल भी मिल जाती है। इन खूंखार अपराधियों ने इस कानून का फायदा उठाया और अदालत की आंख में धूल झोंक कर बार-बार बचते रहे, बार-बार अपराध करते रहे। ऐसे एक दो नहीं करीब सौ क्रिमिनल्स हैं जिनका बिहार में फर्जी आयु प्रमाण पत्र बनाया गया है।
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