RTI में खुलासा: यूपी लोक सेवा आयोग ने जला दीं पीसीएस परीक्षा की कॉपियां

लंबे समय से भर्तियों में भ्रष्टाचार को लेकर विवादों में रहने वाले लोक सेवा आयोग की मुश्किलें अब और बढ़ने लगी हैं. उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में हुए भ्रष्टाचार की जांच सीएम आदित्यनाथ योगी ने सीबीआई को सौंपी है. अब पीसीएस परीक्षा के साथ अधीनस्थ सेवा परीक्षा की कॉपियां जलाकर नष्ट करने के मामले में यूपी लोक सेवा आयोग की गर्दन फंसती नजर आ रही है.

बता दें कि लोक सेवा आयोग के नये कारनामे का खुलासा एक आरटीआई के जवाब से हुआ है. एक अभ्यर्थी नीतिका राजपूत ने आरटीआई के जरिए अधीनस्थ सेवा परीक्षा की वर्ष 2013 और 2014 की कॉपियां दिखाये जाने की मांग की थी.

लेकिन आयोग ने आरटीआई के जवाब में कॉपियां दिखाने से इस आधार पर मना कर दिया कि कॉपियां नष्ट की जा चुकी है. प्रतियोगी छात्र संगठन के उपाध्यक्ष प्रशांत पांडेय के मुताबिक पहले आयोग परीक्षाओं की कॉपियां  10 साल तक सुरक्षित रखता था.

आरटीआई रिपोर्ट की कापी.
 वहीं लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष अनिल यादव के कार्यकाल में भर्तियों में धांधली की शिकायतों के बाद आयोग ने नियम बदलकर परीक्षा के एक वर्ष बाद दी कॉपियां नष्ट करने का नया नियम बना लिया है.

आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक आयोग 2015 तक पीसीएस परीक्षा और अधीनस्थ सेवा परीक्षा की कॉपियां नष्ट कर चुका है. जबकि योगी सरकार ने आयोग की वर्ष 2011 से वर्ष 2016 तक की भर्तियों की सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं.

दूसरी ओर इलाहाबाद हाईकोर्ट के अधिवक्ता अनिल कुमार सिंह के मुताबिक जो मामले न्यायालय में विचाराधीन रहते हैं. उनके दस्तावेज कोर्ट की प्रापर्टी माने जाते हैं. ऐसे में यदि आयोग ने कॉपियों को नष्ट कर दिया है तो हाईकोर्ट भी आयोग को तलब कर सकता है. इसके साथ ही सीबीआई जांच के दौरान भी यह मुद्दा लोक सेवा आयोग के गले की फांस बन सकता है.

बहरहाल, लोक सेवा आयोग का विवादों से पुराना नाता रहा है और कॉपियां नष्ट करने का कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी आयोग पर भर्तियों के नम्बर जारी न करने और आरक्षण प्रदर्शित न करने जैसे गम्भीर आरोप लगते रहे हैं.

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