UC ब्राउजर पर बैन लगाएगी भारत सरकार?

नई दिल्ली- भारतीय यूजरों के मोबाइल डेटा को कथित तौर पर लीक करने के मामले में सरकार यूसी ब्राउजर की जांच कर रही है। वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार इस मामले में दोषी पाए जाने पर यूसी ब्राउजर पर बैन लगाया जा सकता है। यूसी ब्राउजर चीन की चर्चित कंपनी अलीबाबा का ब्राउजर है जो कि इंटरनेट सर्फिंग के काम आता है। इस ब्राउजर पर भारतीय उपयोक्ताओं से जुड़ी जानकारी लीक करने का आरोप है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी ने उक्त जानकारी दी।

अधिकारी ने कहा, ‘यूसी ब्राउजर के खिलाफ शिकायतें हैं कि यह अपने भारतीय यूजरों का मोबाइल डेटा चीन स्थित सर्वर को भेजता है। ऐसी भी शिकायतें हैं कि अगर यूजर इस ब्राउजर को अनइंस्टाल कर देता है या ब्राउजिंग डेटा इरेज भी कर देता है तो भी उसके डिवाइस के डीएनएस पर इसका नियंत्रण रहता है।’ अधिकारी ने कहा कि अगर इस ब्राउजर पर लगे आरोपों की पुष्टि हो जाती है तो देश में इसे बैन किया जा सकता है।

यूसी ब्राउजर की पैरंट कम्पनी यूसी वेब ने इस बारे में संपर्क किए जाने पर कहा कि फिलहाल उसे सरकार से इस बारे में कोई नोटिस या सूचना नहीं मिली है। कंपनी ने कहा, ‘यूसी वेब में हम सुरक्षा व गोपनीयता को बहुत गंभीरता से लेते हैं। कंपनी सभी क्षेत्रों में स्थानीय नियमों का पालने करने पर पूरा ज़ोर देती है।’ कंपनी का कहना है कि वह ऐसा कोई काम नहीं करती जिससे उसके यूजरों का भरोसा टूटे। यूसी ब्राउजर अलीबाबा के मोबाइल बिजनस ग्रुप का हिस्सा है।

अलीबाबा ने भारत में पेटीएम व इसकी पैरंट कंपनी वन97 में काफी बड़ा निवेश किया है। इसके अलावा उसने स्नैपडील में भी काफी पैसा लगाया है। यूसी ब्राउजर ने पिछले साल दावा किया था कि भारत व इंडोनेशिया में उसके 10 करोड़ से ज्यादा मंथली ऐक्टिव यूजर हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गूगल के क्रोम के बाद यूसी ब्राउजर दूसरा सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला ब्राउजर है।

 

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