UP: रिमोट ऐक्सेस टूल से लीक हुआ SI भर्ती का पेपर

लखनऊ
यूपी एसटीएफ ने बुधवार को एसआई भर्ती पेपर लीक मामले का खुलासा करने का दावा किया और सात लोगों को गिरफ्तार कर किया है। इसके पीछे सौरभ जाखड़ गैंग का हाथ बताया जा रहा है। एटीएस के मुताबिक रिमोट ऐक्सेस टूल के जरिए ये पेपर लीक करवाया गया। दरअसल एसआई ऑनलाइन भर्ती परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी एनएसईआईटी ने आगरा के ओम ग्रुप आफ इंस्टिट्यूशन को परीक्षा करवाने के लिए चुना था। सौरभ ने भाई गौरव के जरिए इंस्टिट्यूट के आईटी हेड बलराम और इनविजिलेटर पुष्पेंद्र सिंह को अपने साथ जोड़ा। उनकी मदद से इंस्टिट्यूट के परीक्षा केंद्र के कंप्यूटर्स में रिमोट ऐक्सेस टूल इंस्टॉल करवाया। उस सिस्टम का यूजर नेम और पासवर्ड वॉटसऐप व अन्य जरियों से गिरोह के लोगों के पास पहुंच जाता था। जिससे गिरोह के पेपर सॉल्वर अभ्यर्थी के कंप्यूटर ऑन लाइन ऐक्सेस कर लेते और वहीं से पेपर सॉल्व कर देते। गैंग ने परीक्षा करवाने वाली एजेंसी एनएसईआईटी के लोकल सर्वर को हैक करके भी पेपर लीक करवाया, जो बाद में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

दूसरे गैंग को चार घंटे पहले मिल गए पेपर और आंसर की

इलाहाबाद में परीक्षा दे रहे पेपर लीक गैंग से जुड़े राकेश कुमार विश्वकर्मा को परीक्षा शुरू होने से करीब चार घंटे पहले ही पेपर और आंसर की मिल गई। यानी पेपर को फिजिकल तरीके से भी लीक करवाया गया। आईजी एसटीएफ का कहना है कि इनके अलावा कुछ और गैंग हैं जिन्होंने दूसरे तरीकों से पेपर लीक कराए।

10-10 लाख में हुई थी डील

पेपर लीक करवाने के एवज में सौरभ जाखड़ गैंग को अभ्यर्थियों से 10-10 लाख रुपये मिलने थे। इन लोगों ने तीन-तीन लाख रुपये अडवांस में ले लिए थे। अभी एसटीएफ इस बात का पता लगा रही है कि कितने लोगों से पैसे लिए गए और कहां-कहां से पेपर लीक करवया गया।

कब क्या हुआ?

07 से 31 जुलाई के बीच एसआई भर्ती की ऑनलाइन परीक्षा थी।

21 और 24 जुलाई को होने वाला पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, मामला एसटीएफ की जानकारी में आया।

25 जुलाई को इस मामले में गोमतीनगर के विभूति खंड

 

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