UP MOST WANTED- SERIES 1-यूपी के टॉप अपराधी जिनकी परछाई तक पुलिस नहीं छू पाई

 

नितिन कुमार

उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के आने के बाद अपराधिओं पर लगाम लगाने लिए सिलसिलेवार तरीके से एनकाउंटर किये जा रहे है जहा एक ओर छुटभैया अपराधी को पकड़ कर एनकाउंटर कर अपनी पीठ थपथपा रही है वही जरायम की दुनिया के टॉप अपराधियों की परछाईओ को पुलिस छू तक नहीं पा रही है। फोर्थ इंडिया न्यूज़ आप को बताएगा उत्तर प्रदेश के टॉप अपराधी जो पुलिस की गिरफ्त से कोसो दूर है।

बबुली कोल

१- बबुली कोल – मौजूदा समय में बबुली कोल उत्तर प्रदेश के लिए सबसे बड़ा सर दर्द बना हुआ है। 5 लाख का इनामी डकैत बबुली कोल जिससे पूरा बुंदेलखंड थर्राता है। बीहड़ो में कभी ठोकिया ,लखडिया और अब बबली कोल खौफ का दूसरा नाम बनता जा रहा है। चित्रकूट का रहने वाला बबुली कोल 2007 में पहली बार जेल गया था पुलिस ने उस पर ठोकिया मदद करने का आरोप लगा कर जेल भेजा था। वही उसकी मुलाकात लाले पटेल से हुई। लाले जो ठोकिया के लिए काम करता था। 6 महीने की जेल काटने के बाद लाले को जेल से भगाने की पूरी योजना बनाई। पेशी के दौरान लाले को भगाने में बबुली कामयाब हो गया और जंगलो के बीहड़ो में गुम हो गया। कई हत्याओं में वंचित अपराधी कोल पर पुलिस ने 5 लाख का ईनाम घोषित कर दिया। एसटीएफ के कई बार काम्बलिंग के बाद शातिर अपराधी बबुली कोल फरार चल रहा है।

बलराज भाटी

2- कई हत्याओं में वंचित चल रहा है पश्चिमी यूपी का शूटर बलराज भाटी

गुरुग्राम में सेक्टर-30 और बड़खल अपराध जांच शाखा की टीम को चकमा देकर फरार हुआ बलराज भाटी शशि नागर हत्याकांड और दोहरे हत्याकांड के मामले में वांछित है। फरीदाबाद पुलिस ने उस 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया हुआ है। पश्चिमी यूपी में अपराध की दुनिया में बलराज भाटी बड़ा नाम है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि शशि नागर हत्याकांड में सजायाफ्ता मनोज मांगर और रवि मुजैड़ी की शूटर बलराज भाटी के साथ दोस्ती है। बदरौला गांव निवासी प्रॉपर्टी डीलर शशि नागर की मनोज मांगर और रवि मुजैड़ी से रंजिश चल रही थी। दोनों गिरोह के बीच पहले भी झगड़े हुए थे।

22 अगस्त सन् 2013 को तारीख पर सेक्टर-12 स्थित अदालत में आए शशि नागर को सरेआम गोलियों से भून दिया गया था। इस मामले में सेंट्रल थाना पुलिस ने मनोज मांगर, रवि मुजैड़ी सहित कई को गिरफ्तार किया था। इस मामले में में शशि का भाई जितेंद्र गवाह था। सेक्टर-30 अपराध जांच शाखा मुख्यालय प्रभारी सतेंद्र रावल ने बताया कि 11 फरवरी 2015 को बदमाशों ने घरोड़ा गांव में केबल कारोबारी जितेंद्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वहीं उसके साथ वहां मौजूद घरोड़ा गांव निवासी कल्लू की भी हत्या कर दी गई थी। इस दौरान बदमाश एक युवक पर हत्या के प्रयास का हमला कर उसकी बाइक लूट ले गए थे। इस दोहरे हत्याकांड का षड्यंत्र रचने का आरोप रवि और मनोज पर लगा था। पुलिस ने दोनों को इस मामले में नामजद कर पुलिस रिमांड पर लिया था। दोनों ने पुलिस जांच में खुलासा किया था कि गैंगस्टर सुंदर भाटी गिरोह से ताल्लुक रखने वाला शूटर बलराज भाटी शशि हत्याकांड के साथ-साथ घरोड़ा के दोहरे हत्याकांड में भी शामिल था। बलराज भाटी पश्चिमी यूपी में भी कई वारदातों को अंजाम दे चुका है। लेकिन अब तक वह पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ सका है।

अताउर्रहमान उर्फ़ बाबू उर्फ़ सिकंदरा

3 – अताउर्रहमान उर्फ़ बाबू उर्फ़ सिकंदरा पर सीबीआई ने 2 लाख का ईनाम रखा है. 2005 में हुई बीजेपी विधायक कृष्णा नन्द राय की हत्या में नाम आया था। 1998 में वाराणसी में कोयला व्यापारी रूंगटा की हत्या में शामिल था. बाबू मुख्तार अंसारी का खासमखास बताया जाता है।

अताउर्रहमान का साथी है शहाबुद्दीन जिसपर सीबीआई ने 2 लाख का ईनाम रहा है। शहाबुद्दीन कृष्ण नन्द राय की हत्या में शामिल रहा है।
दो लाख का इनामी बदमाश है जरायम की दुनिया का ‘बाबू-सिकंदर’
गाजीपुर के मुहम्मदाबाद थानाक्षेत्र निवासी अतउर्रहमान को जरायम की दुनिया में बाबू और सिकंदर के नाम से भी जाना जाता है। बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के नजदीकी बाबू का अापराधिक इतिहास वैसे तो 20 साल से ज्यादा पुराना है। उसका नाम 2001 में तब सुर्खियों में आया, जब अशोक सिंघल के एक रिश्तेदार का फिरौती के लिए अपहरण हुआ और बाद में फिरौती की रकम मिलने के बाद उसकी हत्या भी कर दी।
इस मामले में मुख्तार अंसारी भी गिरफ्तार हुए, लेकिन शहाबुद्दीन फरार हो गया। इसके अलावा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में भी बाबू का नाम शामिल था। इनके अलावा उस पर कई दर्जन हत्या, हत्या के प्रयास, अपरहरण के मामले दर्ज हैं। फिलहाल उस पर यूपी पुलिस और सीबीआई की तरफ से दो लाख रुपए का इनाम है।

कभी पूर्वांचल का था शार्प शूटर, आज दाउद गैंग का है खास

गाजीपुर के ही मुहम्मदाबाद निवासी शहाबुद्दीन पर सीबीआई और यूपी पुलिस की तरफ से दो लाख का इनाम है। मुख्तार अंसारी गैंग के खास शूटरों में शामिल शहाबुद्दीन के खिलाफ कृष्णानंद राय हत्याकांड के अलावा करीब तीन दर्जन हत्या के मामले सूबे भर के विभिन्न थानों में दर्ज हैं। राय हत्याकांड के बाद कुछ समय तक वह नेपाल में रहा। पुलिस नेपाल पहुंचने वाली थी, तभी उसका संपर्क अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम गैंग से हो गया। इसके बाद से पाकिस्तान में उसके होने की बात सामने आ रही है। हालांकि पुलिस सूत्रों की मानें तो कुछ समय तक पाकिस्तान में रहने के बाद शहाबुद्दीन बांग्लादेश के रास्ते भारत वापस लौट आया और तब से वह ठिकाने बदल-बदल कर अपराधों को अंजाम दे रहा है।

कौशल कुमार चौबे

4-ठेकेदारी में वर्चस्व के लिए की थी एक के बाद एक हत्या
बलिया के हल्दी निवासी कौशल कुमार चौबे पर इस समय 2 लाख रुपए का इनाम है। वहां कई विभागों के टेंडर लेने को लेकर स्थानीय छुटभइये ठेकेदारों से टकराव के बाद चौबे का नाम कई हत्याओं में सामने आया। उसके कई साथी पकड़े गए हैं, लेकिन वह करीब दस साल बाद भी पुलिस की गिरफ्त से दूर है।

विश्वास नेपाली

5-नेपाल में है विश्वास नेपाली का गैंग

नेपाल में ट्रांसपोर्ट बिजनेस की आड़ में गैंग चला रहा विश्वास नेपाली का भाड़े पर हत्या करने को लेकर पूर्वांचल से लेकर पश्चिम तक नाम रहा है। बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय की हत्या में नाम सामने आने के बाद जब पुलिस ने उसके परिवार के सदस्यों के जरिए इसे पकड़ने का दबाव बनाना शुरू किया तो वह नेपाल भाग गया।

50 हजार के इनामी नेपाली पर राय की हत्या के अलावा हरियाणा में एक कद्दावर नेता के इशारे पर एक व्यापारी की हत्या का भी आरोप रहा है। कुछ समय पहले उसके साथियों का पुलिस एनकाउंटर होने और गिरफ्तारी का दबाव होने के बाद नेपाली नेपाल भाग गया। पुलिस के अनुसार नेपाल से वह अपनी गतिविधियां चला रहा है, लेकिन राजनीतिक दबाव की वजह से पुलिस उसपर हाथ नहीं डाल पा रही।

सुनील यादव

6-हत्या के कयास के बीच कायम है सुनील यादव का खौफ
माफिया ब्रजेश सिंह गैंग का सबसे युवा और सक्रिय शूटर मनीष सिंह आज भी पुलिस की पकड़ से दूर है। उसके बारे में कहा जाता है कि उस पर 50 हजार का इनाम घोषित होने के बावजूद उसके बारे में पुलिस को कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाती है। अपने मजबूत नेटवर्क की बदौलत वह फरार है। उसकी मौजूदगी से ही ब्रजेश गैंग टिका हुआ है। वाराणसी में एक टेंट व्यवसायी की हत्या से सुर्खियों में आए मनीष को इसी हत्याकांड के बाद ब्रजेश गैंग ने अपने साथ कर लिया था। तेजतर्रार और समझ का धनी होने की वजह से वह अब तक पुलिस की पकड़ से दूर है, जबकि उसके कई साथी पुलिस की गोली का निशाना बन चुके हैं।