गोरखपुर केस पर सरकारी बहाने, CM बोले- गंदगी कारण तो मंत्री ने कहा- अगस्त में होती हैं मौतें

गोरखपुर में दिल दहला देने वाली घटना हुई है. गोरखपुर का सरकारी अस्पताल बच्चों के लिए कब्रिस्तान बन गया. यहां अस्पताल की लापरवाही ने कई बच्चों को मौत की नींद सुला दिया. एक-एक कर 33 मासूमों ने अस्पताल के अंदर दम तोड़ दिया. ये घटना गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज की है, जहां मरने वालों में 13 बच्चे एनएनयू वार्ड और 17 इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती थे.

बताया जा रहा है कि 69 लाख रुपये का भुगतान न होने की वजह से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली फर्म ने ऑक्सीजन की सप्लाई गुरुवार की रात से ठप कर दी थी. खबरों के मुताबिक पिछले 5 दिनों में 63 बच्चों की मौत हो चुकी है. हालांकि अस्पताल प्रशासन ने ऑक्सीजन की कमी से इंकार किया है. सरकार ने कार्रवाई करते हुए अस्पताल के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को निलंबित कर दिया गया है. इसके साथ ही जांच कमेटी का गठन किया गया है.

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बच्चों की मौत के लिए गंदगी को जिम्मेदार ठहराया है. इलाहाबाद के यमुना पार इलाके में गंगा ग्राम सम्मलेन कार्यक्रम में आए योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में हो रही मौत के पीछे भी गंदगी एक बड़ी वजह है. उन्होंने कहा कि सेप्टी टैंक लोगों घरों में बनाते हैं, जगह की कमी की वजह से गंदगी फैलती है और फिर यह भयावह रूप ले लेता है.

हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मौके की गहन जांच कर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं. इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने राज्य प्रशासन से इस घटना की रिपोर्ट मांगी है. इसके अलावा उन्होंने राज्य मंत्री (स्वास्थ्य) अनुप्रिया पटेल को तुरंत अस्पताल का दौरा करने का निर्देश दिया है.

वहीं गोरखपुर आए स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि ये घटना गंभीर है. हमारी सरकार संवेदनशील है. मुख्यमंत्री ने हमसे बात की. किसी ने ऑक्सीजन सप्लाई के बारे में नहीं बताया. हर साल अगस्त में बच्चों की मौत होती है. अस्पताल में नाजुक बच्चे आते हैं. साल 2014 में 567 बच्चों की मौत हुई. सीएम के दौरे पर गैस सप्लाई को लेकर बात नहीं हुई. अलग-अलग कारणों से बच्चों की मौत हुई. गैस की कमी से बच्चों की मौत नहीं हुई. ऑक्सीजन सप्लाई का मुद्दा देख रहे हैं. ऑक्सीजन गैस सिलेंडर शाम साढ़े 7 बजे से रात साढ़े 11 बजे तक चले. 11:30 बजे से 01:30 बजे तक सप्लाई नहीं हुई, लेकिन इस दौरान किसी बच्चे की मौत नहीं हुई. ऑक्सीजन की अब कोई कमी नहीं है. व्यवस्था ये रहती है कि लो हो तो गैस सिलेंडर लगे रहते हैं तो उसकी व्यवस्था तुरंत शुरू हो गई थी.

 

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