बिना पायलट वाली फ्लाइट में उड़ान भरेंगे

अगर हवाई जहाज पायलटों के बिना उड़ाए जाएं तो दुनिया भर की एयरलाइन कंपनियां हर साल 35 अरब डॉलर बचा सकेंगी. इसका सीधा फायदा यात्रियों को होगा. टिकटें बेहद सस्ती हो जाएंगी. असल में विमान को कंप्यूटर उड़ाएंगे. उन्हें रिमोट कंट्रोल से नियंत्रित किया जाएगा. इनवेस्टमेंट बैंक यूबीएस की रिपोर्ट के मुताबिक 2025 तक मालवाहक विमान बिना पायलट के उड़ान भरने लगेंगे. लेकिन यात्री विमानों की पायलटरहित उड़ान और भी बाद में शुरू होगी.

यूबीएस के मुताबिक फिलहाल दुनिया भर की एयरलाइन कंपनियां पायलटों पर 31 अरब डॉलर खर्च करती हैं. तीन अरब डॉलर पायलटों की ट्रेनिंग पर खर्च होते हैं. एक अरब डॉलर की बचत तेल के मामले में भी होगी. इसके अलावा एयरलाइन कंपनियों को सबसे ज्यादा पैसा विमान खरीदने पर खर्च करना पड़ता है. पालयटों पर होने वाला खर्च काटकर काफी पैसा बचाया जा सकता है.

लेकिन तमाम हिसाब किताब के बावजूद पायलटों के बिना यात्री विमान उड़ाना अब भी कारोबार के लिहाज से ठीक नहीं है. यूबीएस ने 8,000 से ज्यादा लोगों के बीच एक सर्वे भी किया. इस सर्वे में शामिल ज्यादातर लोगों ने कहा कि टिकट सस्ता होने के बावजूद भी वह बिना पायलट वाली फ्लाइट में सवार नहीं होंगे. सिर्फ 17 फीसदी लोगों ने कहा कि वह ऐसी फ्लाइट ले सकते हैं.

 

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