वित्त मंत्रालय ने जुलाई से लागू होने वाले जीएसटी के तहत कर में छूट का लाभ ग्राहकों को देने के लिए दूरसंचार कंपनियों से लागत को पुनर्गठित करने और कीमत में कमी लाने को कहा। वस्तु एवं सेवा कर व्यवस्था (जीएसटी) के तहत दूरसंचार सेवाओं पर 18 प्रतिशत शुल्क लगेगा। सेवा प्रदाता ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ का दावा कर सकते हैं जिससे शुल्क का प्रभाव कम होगा।
मंत्रालय ने बयान में कहा कि दूरसंचार कंपनियों को अपनी लागत और ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ की उपलब्धता पर फिर से काम करने तथा अपनी कीमतों को पुनर्गठित करने की जरूरत है ताकि उनकी ‘क्रेडिट’ की उपलब्धता का लाभ उनके ग्राहकों को मिले। फिलहाल दूरसंवार सेवाओं पर 14 प्रतिशत सेवा कर के साथ स्वच्छ भारत उपकर और कृषि कल्याण उपकर 0.5 प्रतिशत लगता है।
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘इसके विपरीत दूरसंचार सेवाओं पर जीएसटी व्यवस्था में 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। यह शुद्ध रूप से मूल्य वर्धित कर है क्योंकि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं द्वारा कारोबार के दौरान इस्तेमाल कच्चे माल पर पूर्ण रूप से ‘इनपुट टैक्स क्रेडिट’ उपलब्ध होगा।’’ बयान में कहा गया है कि फिलहाल दूरसंचार सेवा प्रदाता न वस्तुओं पर दिए गए वैट और न ही आयातित वस्तुओं : उपकरणों पर विशेष अतिरिक्त शुल्क (एसएडी) के क्रेडिट के हकदार हैं।
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