बहुचर्चित नैंसी हत्याकांड में नया मोड़ : अपने ही बने ‘हत्यारे’?

बिहार के मधुबनी ज़िले के बहुचर्चित नैंसी हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है.12 साल की नैंसी की हत्या के मामले में अब शक की सुई उसी के दो रिश्तेदारों पर घूम गई है. पुलिस ने इस मामले में राघवेन्द्र और पंकज को गिरफ्तार कर लिया है जो नैंसी के ही चाचा हैं.मधुबनी के एसपी दीपक बर्नवाल ने संवाददाताओं से कहा, ” नैंसी कांड का मास्टरमाइंड राघवेन्द्र है, राघवेन्द्र और पंकज के खिलाफ़ पुख्ता सुबूत हैं.”एसपी के मुताबिक, “राघवेन्द्र और पंकज के बयानों में समानता नहीं है, जो साक्ष्य मिल रहे है वो ये संकेत दे रहे है कि परिवार झूठ बोल रहा है, एफ़आईआऱ में नैंसी के अपहरण का जो समय दर्ज कराया गया है उस वक़्त जिन दो लोगों पर आरोप लगाए गए, वो पेट्रोल पंप पर काम कर रहे थे.”पुलिस ने बताया कि इस मामले में नैंसी के दोस्तों से भी पूछताछ की गई है, और अभी इस मामले में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं.

नैंसी का झुलसा हुआ शव 27 मई को मिला था. उसकी लाश की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी.नैंसी के परिवार ने इस मामले में पवन कुमार झा और लल्लू झा नाम के दो लोगों को आरोपी बनाया था.मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए इस पुलिस ने स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम का गठन किया था.नैंसी के पिता रवीन्द्र नारायण ने अब सीबीआई जांच की मांग की है.उन्होंने कहा, ” मैं पुलिस की कार्रवाई से असंतुष्ट हूँ, वो मामले को रफ़ा-दफ़ा करने और अपनी नाकामी छुपाने के लिए हमारे ही मुख्य गवाह को निशाना बना रही है.बता दे मधुबनी के चर्चित नैंसी हत्याकांड का मुख्य गवाह लड़की के चाचा राघवेन्द्र को ही बनाया गया है.

दादा सत्येन्द्र झा बताते हैं, “मेरी 12 साल की नैंसी मुझसे कहती थी बाबा, मैं डीएम बनूंगी, लेकिन हत्यारों ने तो उसका जीवन ही छीन लिया.”बिहार के मधुबनी जिले के महादेवगढ़ गांव की नैंसी झा का झुलसा हुआ शरीर नदी में इसी महीने 27 मई को मिला था. इसके बाद से ही लोगों का ग़ुस्सा उफान पर है.दादा सत्येन्द्र के मुताबिक, “नैंसी का अपहरण 25 मई की शाम पड़ोस के ही रहने वाले पवन कुमार झा और उसके साथी लल्लू झा ने किया था. 26 को नैंसी की बुआ की शादी थी और पवन कुमार झा उसमें बाधा डालना चाहता था.”

परिवार ने बातचीत में बीबीसी को बताया कि 6 साल पहले परिवार की एक लड़की के साथ पवन ने छेड़खानी की थी. इसके बाद उसे पीटा गया था.इसका बदला लेने के लिए ही उसने नैंसी का अपहरण कर लिया. साथ ही परिवार वालों का ये कहना है कि अगर पुलिस समय रहते कार्रवाई करती तो बच्ची बच जाती.सत्येन्द्र झा बताते हैं, “मेरा दो घर है. एक में शादी की रस्में थीं और दूसरे में ठहरने का इंतज़ाम. मेहंदी के बाद शाम में जब नैंसी एक घर से दूसरे घर लौट रही थी तो उसके पीछे कई लोगों ने पवन और लल्लू झा को देखा था.उन्होंने बताया, ”चूंकि रास्ता एक ही है इसलिए कोई शक नहीं हुआ. बाद में जब वो घर नहीं पहुंची तो हम लोगों ने पवन झा को पकड़कर स्थानीय थाने को सौंप दिया.”

नैंसी के दादाजी ने बताया, ”पवन नशे में धुत था. बिहार में शराबबंदी है लेकिन पुलिस ने उसे आधे घंटे के अंदर छोड़ दिया. अगर पुलिस उसे नहीं छोड़ती तो हमारी बच्ची हमारे साथ होती.”मधुबनी के एसपी दीपक बर्नवाल ने बीबीसी से बातचीत में कहा, “इस मामले में दोनों अभियुक्तों की गिरफ़्तारी हो गई है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की बात सामने आई है. बाक़ी मामले की जांच चल रही है.”नैंसी के पिता रवीन्द्र नारायण झा एक प्राइवेट स्कूल के संचालक है और मां सरकारी स्कूल में टीचर हैं. नैंसी की एक छोटी बहन है.दादा सत्येन्द्र झा कहते हैं, “हमारी बेटी तो चली गई पर हम दूसरी बेटियों के लिए सुरक्षित दुनिया बनाना चाहते है. नैंसी के क़ातिलों को फांसी से भी ऊपर की सज़ा मिले.”उन्होंने कहा, ”फास्ट ट्रैक कोर्ट इसे देखे. जिस बेरहमी से हमारी बच्ची को मारा है, उससे ज़्यादा बेरहमी से उसके क़ातिलों को सज़ा मिले. तभी हमारे कलेजे का ठंडक मिलेगी.”

source- satyakatha

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