ऑटोमोबाइल क्षेत्र की कंपनी जनरल मोटर्स ने ऐलान किया है कि वह इस साल के अंत तक भारत में कारें बेचना बंद कर देगी। देश में कंपनी का कारोबार कुछ खास नहीं रहा है। 20 सालों से ज्यादा समय तक कारोबार के बाद जनरल मोटर्स की कार-बिक्री में 1 प्रतिशत से भी कम हिस्सेदारी है। डेट्रॉयट की कंपनी ने गुरुवार को इस संबंध में आखिरी फैसला किया। इस फैसले को भारत के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने की रणनीति को तगड़ा झटका माना जा रहा है। कंपनी ने पिछले साल जून में तय किया था कि निर्यात पर फोकस करके ही शेयरहोल्डर को रिटर्न दिया जा सकता है। कंपनी तालेगांव असेंबली प्लांट को बंद करेगी। हलोल वाली निर्माण इकाई इसी साल 28 अप्रैल को बंद की गई थी। कंपनी के एक्जीक्यूटिव वाइस प्रेसिडेंट स्टीफन जैकबी ने कहा, ”हमने कई विकल्प तलाशे, लेकिन तय किया कि भारत के लिए मूल रूस से अतिरिक्त निवेश से अन्य वैश्विक मौकों से फायदा नहीं मिल सकेगा। साथ ही घरेलू मार्केट में बड़ी पोजिशन, वह भी लंबे समय के लिए बनाए रखने में मदद भी नहीं मिलेगी। इस फैसले पर पहुंचना मुश्किल रहा, मगर यह हमारी वैश्विक नीति के अनुरूप है।”
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