भारत में 2022 तक मोबाइल उपयोक्ताओं की कुल संख्या 1.4 अरब हो जाएगी और इनमें करीब एक तिहाई 4जी उपयोक्ता होंगे। यह बात एरिक्सन मोबिलिटी की एक रिपोर्ट में कही गई है। रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च 2017 की अवधि में दुनिया में सबसे ज्यादा नए मोबाइल उपयोक्ता भारत में जुड़े। इस अवधि में 4.3 करोड़ से अधिक नए उपयोक्ता जुड़े। तुलनात्मक रूप से इसी अवधि में चीन में करीब 2.4 करोड़ नए मोबाइल उपयोक्ता बने।
वहीं, भारत की इंटरनेट आधारित अर्थव्यवस्था का आकार वर्ष 2020 तक 250 अरब डॉलर होने की संभावना है क्योंकि ऑनलाइन उपयोक्ताओं की संख्या और डाटा उपभोग में जबरदस्त वृद्धि देखी गई है। बीसीजी-टीआईई की ‘द 250 अरब डॉलर डिजिटल वॉल्कैनो: डॉरमैंट नो मोर’ रिपोर्ट के अनुसार भारत की इंटरनेट आधारित अर्थव्यवस्था के 100-130 अरब डॉलर से बढ़कर 2020 तक 215-265 अरब डॉलर होने की उम्मीद है। अभी यह सकल घरेलू उत्पाद का करीब पांच प्रतिशत है जो 2020 तक बढ़कर 7.5 प्रतिशत हो सकती है। इसके पीछे अहम कारण ई-वाणिज्य क्षेत्र और वित्तीय सेवाओं का बढ़ना है।
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