सुल्तानपुर. यूपी के सुल्तानपुर की बड़ी शख्सियत एवं राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लेने वाले 105 वर्षीय सूर्यपाल तिवारी ने आज अपनी जिंदगी की अंतिम सांस लिया। इस सूचना के बाद ज़िले भर में शोक की लहर दौड़ उठी है।
इस तरह हुई मृत्यु
जानकारी के मुताबिक़ सूर्यपाल तिवारी ज़िले के दूबेपुर विकासखंड के उदयपुर के मूल निवासी थे। 105 वर्षीय श्री तिवारी पिछले कुछ समय से अस्वस्थ चल रहे थे।इसी क्रम में आज देर शाम उन्होंने अंतिम सांस लिया। श्री तिवारी अपने पीछे 3 पुत्र और 4 पुत्रियां छोड़कर गए हैं।
जानें इस बुजुर्ग शख्सियत का इतिहास
सूर्यपाल तिवारी के नाती एवं युवक कांग्रेस के प्रदेश संगठन के ज़िम्मेदार नेता राजेश तिवारी ने बताया कि उनके दादा सूर्यपाल तिवारी ने राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सत्याग्रह आंदोलन में हिस्सा लिया था। यही नहीं बल्कि श्री तिवारी इस आंदोलन के तहत महाराष्ट्र के वर्धा में राष्ट्रपिता के साथ एक साल तक साथ-साथ रहे। उस समय सूर्यपाल तिवारी कलकत्ता में प्राइवेट नौकरी करते थे और यहां से मिलने वाले वेतन को वो स्वतंत्रता आंदोलन में लगे लोगों में खर्च करते थे।
अपने फ़र्ज के आगे नहीं लिया स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का अवार्ड
बताया जा रहा है कि कभी-कभी ऐसा भी हुआ कि वेतन ख़त्म हो गया तो श्री तिवारी पिता जी पैसे मंगाकर स्वतंत्रता आंदोलन के लोगों पर खर्च करते थे। इस कारण उन्हें आज़ादी के बाद कई बार स्वतंत्रता संग्राम सेनानी का अवार्ड देने की कोशिश भी की गई। लेकिन श्री तिवारी ने ये कहकर उसे त्याग दिया के वो अवार्ड के लिए नहीं अपना फ़र्ज समझकर ये त्याग कर रहे थे। उनकी मृत्यु के बाद जिले को बड़ा झटका लगा है और शुभचिंतको का तांता भी उनके घर पर लगा है।
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