
👉 शहर के उर्सला अस्पताल की स्थिति दयनीय
👉 डॉक्टरों के चेम्बर पर जड़े ताले, तड़फते मिले मरीज
👉 लाख उपायों के बाद भी नहीं सुधरना चाहती सरकारी मशीनरी
कानपुर नगर।( सर्वोत्तम तिवारी) जहाँ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने के लिए डॉक्टर से लेकर मंत्रियों तक को हिदायत दे चुके हैं। वहीँ सरकारी मशीनरी ने भी कसम खा रखी है कि हम नहीं सुधरेंगे। सरकारी अस्पतालों को अच्छी तरह संचालित किए जाने का फरमान सी एम योगी द्वारा किया जा चुका है, उसके बाद भी कानपुर के सरकारी अस्पताल की सूरत जस की तस बनी हुई है। आज शहर के सरकारी अस्पताल में जो हाल दिखा वो चौकाने वाला था। हकीकत पता करने पर पता चला कि अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों की हकीकत के साथ वहां मरीजों का हाल भी बहुत दयनीय था। जो आज सामने आ गया। हाल ऐसा कि जमीन पर पड़ा था मरीज, डॉक्टर के रूम के बाहर लटके थे ताले, और कुत्ते फरमा रहे थे आराम ! साथ ही और भी कई सारी अव्यवस्थाएं फैली हुई थी।
शहर के उर्सला अस्पताल में सुबह 12 बजे पहुँचने पर पता चला अस्पताल में डॉक्टर के रूम में ताले लटकते हुए मिले। वहीं, अल्ट्रासाउंड के रूम में भी ताला लटका हुआ मिला। कुछ डॉक्टर के रूम तो खुले थे, लेकिन कुर्सियां एकदम खाली पड़ी थी। वार्ड में मरीज जमीन में लेटा हुआ था, जिसको किसी भी कर्मचारी ने उठाकर बेड पर लिटाने की जरूरत नहीं समझी। वो अपने भाग्य पर कोसते हुए तड़फ रहा था।
इसके अलावा अस्पताल परिसर में कुत्ते आराम फरमाते दिखाई दिए। परिसर में मौजूद अग्नि सामक यंत्र में बालू की जगह कूड़ा भरा हुआ था।
मरीजों और तीमारदारों के लिए बने हुए बाथरूम में ताला लटका हुआ था। ऐसी स्थिति देखकर यही लगा कि उपाय चाहें लाख कर लिए जाएँ लेकिन सरकारी मशीनरी सुधरने का नाम नहीं ले रही है।
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