
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को सामुहिक लंच का आयोजन किया था, जिसमें 17 विपक्षी दलों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक के दौरान राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने सलाह ही कि सभी विपक्षी पार्टियों को विभिन्न राज्यों में संयुक्त रैली निकालनी चाहिए। उन्होंने कहा कि लेफ्ट को केरल और शरद पवार को मुंबई में इसका आयोजन कराना चाहिए। उन्होंने कहा कि वह खुद अगले महीने बिहार में एक रैली का आयोजन करेंगे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि इस प्रकार की एक रैली लखनऊ में भी होनी चाहिए, जिसमें सपा और बसपा दोंनों हिस्सा लें। लालू यादव ने बसपा प्रमुख मायावती से कहा कि वह तभी इस रैली में हिस्सा लेंगे अगर मायावती इसका आयोजन कराएंगी। इसके बाद वह अखिलेश यादव की ओर घुमे और कहा, “अखिलेश बाबू, आपको भी आना होगा।” यह सुन यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश भी मुस्कुरा पड़े।
इस दोपहर भोज में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राजद प्रमुख लालू प्रसाद एवं बसपा प्रमुख मायावती सहित 17 विभिन्न गैर राजग दलों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक में मौजूद रहे वरिष्ठ विपक्षी नेताओं ने केंद्र की सत्ता पर काबिज होने के तीन साल पूरे कर रही मोदी सरकार की आलोचना भी की। राजद अध्यक्ष एवं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर नाकाम रही है। बैठक में मौजूद रहे लालू ने कहा, ‘‘इसकी (मोदी सरकार की) एकमात्र उपलब्धि यही है कि आजादी के बाद पहली बार इसने कश्मीर में पाकिस्तान का झंडा फहराने दिया है।’’
बैठक में विपक्षी दलों ने कश्मीर एवं सहारनपुर की चिंताजनक स्थिति को लेकर सरकार पर हमला किया और आरोप लगाया कि दलितों, महिलाओं, गरीबों एवं शोषित वर्गों सहित समाज के विभिन्न वर्ग इसके शासन काल में उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। सोनिया द्वारा संसद भवन पुस्तकालय में दिये गये दोपहर भोज में ममता, मायावती, लालू प्रसाद के साथ साथ वाम नेता सीताराम येचुरी, सुधाकर रेड्डी एवं डी राजा, जदयू नेता शरद यादव एवं केसी त्यागी ने भाग लिया। हालांकि जदयू प्रमुख एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बैठक में नहीं आये। बैठक में बसपा की मायावती एवं सतीश चंद्र मिश्र, सपा के अखिलेश यादव एवं नरेश अग्रवाल राकांपा के शरद पवार तथा द्रमुक की कानिमोई ने भाग लिया।
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