इन आरोपों पर फिजी की अदालतों ने पाया था यौन शोषण का दोषी, जीसी त्रिपाठी ने बनाया बीएचयू अस्पताल का प्रमुख

काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वाइस-चांसलर जीसी त्रिपाठी ने मंगलवार (26 सितंबर) को विश्वविद्यालय की एग्जिक्यूटिव काउंसिल (ईसी) की बैठक में डॉक्टर ओपी उपाध्याय को सर सुंदरलाल अस्पताल का प्रमुख के तौर पर नियुक्त करने पर अंतिम मुहर लगायी।। ईसी के एक सदस्य ने उपाध्याय की नियुक्ति पर यह कहते हुए सवाल उठाया कि फिजी की एक अदालत ने उपाध्याय को यौन शोषण का दोषी करार दिया था। इंडियन एक्सप्रेस के पास मौजूद फिजी की अदालत के आदेश की प्रति के अनुसार 21 वर्षीय महिला नासिनू की अदालत में जनवरी 2013 में बयान दिया था, “उन्होंने (उपाध्याय) मेरा हाथ पकड़ा और जोर दिया कि मैं उनका घर देखूँ। जब मैं उनके करमे में पहुंची तो उन्होंने कहा कि मुझे उनके कमरे में सोना चाहिए। ये बातचीत भारतीय हिन्दी में हुई। उन्होंने मेरा कंधा पकड़ा…मेरी जांघे रगड़ीं…मुझे गाल पर चूमा।” ये घटना 25 अगस्त 2012 को हुई जब उपाध्याय फिजी नेशनल यूनिवर्सिटी (एफएनयू) में वाइस-चांसलर के सलाहकार के तौर पर प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर थे। फिजी की अदालत ने उपाध्याय को “अमार्यादित हमले” का दोषी पाया। उपाध्याय ने साल 2014 में फिजी के हाई कोर्ट में फैसले के खिलाफ अपील की लेकिन उसने भी निचली अदालत का फैसला कायम रखा।

 

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