उत्तर प्रदेश में कांग्रेस का हाल।

(रिपोर्ट-अरुण सिंह चंदेल),
नयी दिल्ली,21 अगस्त 2022,कांग्रेस का ग्राफ उत्तर प्रदेश की राजनीति में लगातार नीचे जा रहा है।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने केंद्र पर लगतार हमला किया लकिन केंद्र सरकार पर फर्ख नहीं पड़ा,फिर भी राहुल गाँधी ने कहा है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने भारत के लिए संकट के दौरान ढाल के रूप में काम किया है,उधर प्रियंका को गत लोकसभा चुनाव के पहले यूपी का प्रभार सौंपा गया था और अभी तक उत्तर प्रदेश को देख रही थी,ऐसा माना जा रहा था कि प्रियंका की सक्रिय भागीदारी उत्तर प्रदेश में पार्टी की स्थिति बदल देने में सफल होगी। लोकसभा चुनाव फिर विधान सभा चुनाव-2022 में कांग्रेस के अति दयनीय प्रदर्शन से उनके विरोधियो के भाव बढ़ गए ,विरोध के स्वर उभरने लगे।दबी अवाज़े उठने लगी। कांग्रेस के लिए आगे यह प्रभार मुश्किल है। कॉग्रेस आगे क्या गुल खिलायेगी या आने वाले समय बताएगी।
पार्टी ने सोनिया गांधी के कहने पर विधानसभा चुनाव हार पर चर्चा करने के लिए बैठक बुलाई और बैठक में वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ अपने इस्तीफे की पेशकश की थी,लकिन हुआ क्या धाक के तीन पात।

आइये बताते चले कि राहुल गांधी भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के बेटे थे, उनका जन्म 19 जून 1970 को हुआ था। राहुल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष थे । इसके अलावा राहुल गांधी नेशनल स्टूडेंस् यूनियन ऑफ इंडिया (NSUI)और यूथ कांग्रेस के चेयरपर्सन भी हैं। राहुल ने 2004 में राजनीति में कदम रखा। अपने पिता की सीट अमेठी से पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़े और संसद पहुंचे। 2009 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने उत्तर प्रदेश में 80 में से 21 सीटें जीतीं, इसका श्रेय कोंग्रेसियो ने राहुल गांधी को ही दिया है। राहुल लगातार तीन बार अमेठी से ही सांसद चुने गए थे । 2019 लोकसभा सीट पर लोकसभा सीट हार गए। केरल की वायनाड सीट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रिकॉर्ड जीते थे। लकिन देश की राजनीत में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं कर पाए।

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