किरायदारों के सत्यापन को लेकर सख्त हुआ यूपी प्रशासन

बढ़ते क्राइम पर लगाम लगाने के लिए उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने एक नई पहल की शुरुआत की है। राजधानी में एक बार फिर किराएदारों (tenants) के सत्यापन की कवायद तेज हो गई है। वारदात के बाद फरार होने वाले बदमाशों को दबोचने के लिए पुलिस सत्यापन पर जोर दे रही है। डकैतों, लुटेरों और चोरों से बचने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह अभियान चलाएगी।

कैंप लगा कर पुलिस करेगी जागरुक

किराएदारों के सत्यापन के लिए पुलिस टीमें गाड़ियों में लाउडस्पीकर लगाकर कॉलोनी-मोहल्लों में अनाउंस कर लोगों को सत्यापन के फायदे बताएगी। लोगों से अपील की जाएगी कि वह थाने से या ऑनलाइन फॉर्म लेकर अपने किराएदारों का सत्यापन करवाएं। उन्हें बताया जाएगा कि कैंप में भी सत्यापन करवाने की सुविधा दी जाएगी।

एसएसपी दीपक कुमार ने सभी क्षेत्राधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह अपने क्षेत्र के थानेदारों की मदद से कैंप लगवाकर सत्यापन का आनाउंसमेंट शुरू करवाएं।

सत्यापन की प्रक्रिया को पूरी करवाने के लिए हर थाने के पुलिसकर्मियों को टारगेट देने की योजना बनाई जा रही है। थाने के सभी बीट प्रभारियों को सप्ताह में 50 घरों के सत्यापन का जिम्मा देने की तैयारी है। इसके अलावा थानों के कार्यालय में तैनात पुलिसकर्मियों को ऑनलाइन आवेदन करने वालों की निगरानी की जिम्मेदारी दी जाएगी। एसएसपी का कहना है कि जल्द ही सत्यापन की प्रक्रिया शुरू करवा दी जाएगी।

सत्यापन की कवायद हुई तेज

हाल ही में दुबग्गा की हाजी कॉलोनी में आतंकी सैफुल्ला के एनकाउंटर और हाल में एक गुरुद्वारे से पकड़े गए संदिग्ध का मामला सामने आने के बाद पुलिस एक बार फिर किराएदारों के सत्यापन को लेकर आगे आई है।

इसके अलावा चोरी व लूट के मामलों में भी पकड़े गए आरोपित सीमावर्ती जिलों से आकर अविकसित कॉलोनियों में किराए का मकान लेकर रहते पाए गए हैं। इसके चलते ही सत्यापन में और तेजी लाई जा रही है ताकि वारदात के बाद बदमाशों तक आसानी से पहुंचा जा सके।

किराएदारों के सत्यापन की व्यवस्था कई साल से लागू है। थानों व बीट प्रभारियों के पास सत्यापन के फॉर्म मौजूद हैं। सीसीटीएनएस के जरिए भी ऑनलाइन सत्यापन की व्यवस्था की जा चुकी है।

एसएसपी दीपक कुमार ने बताया कि इसके बावजूद शहर के 30 फीसदी मकान मालिक ही इस व्यवस्था का पालन कर रहे हैं। 70 फीसदी लोग सत्यापन करवाने में लापरवाह हैं। पिछले तीन साल में चोरी और लूट के मामलों 60 फीसदी केस में किराएदारों और नौकरों की भूमिका सामने आई है।

 

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