चुनाव प्रचार के लिए गाय को भी नहीं छोड़ा

कानपुर।(संजय मौर्या ) हिन्दुत्व ब्रिगेड द्वारा एक बार पुन: गौमाता का राजनीतिक उपयोग किया जा रहा है, जिसके चलते लगभग 20 राज्यों में गौ संरक्षण एक मुद्दा बन गया है। वोट खींचने के लिए गौमाता की ब्रांड इक्विटी का पता हाल ही में गुजरात सरकार को भी चला है जिसने पशु संरक्षण अधिनियम में संशोधन कर गौहत्या के लिए दंड 7 वर्ष की कारावास की सजा से बढ़ाकर आजीवन कारावास कर दिया है। इसके साथ ही एक लाख रुपए का जुर्माना भी किया जाएगा और गायों को ले जाने वाले वाहन को भी स्थायी रूप से जब्त किया जाएगा। जहाँ एक ओर योगी सरकार गाय बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है वही  चुनाव के बदलते मिज़ाज़ से जानवर भी नहीं बच पा रहे है प्रत्यासियो ने अपने चुनाव प्रचार के लिये गौमाता का भी प्रयोग करने में भी तनिक गुरैज नहीं कर रहे है वाकया कानपुर नगर के नगर निकाय चुनाव का है जहा एक प्रत्यासी महाशय ने अपने चुनाव चिन्ह घंटी के प्रचार के लिए गौमाता का सहारा लिया । वाह रे चुनाव यह क्या क्या न करा दे।