जानें, क्या हुआ 251 रुपये वाले मोबाइल का

 दिल्ली-अभी जियो के ‘फ्री’ मोबाइल की चर्चा जोरों पर है, लेकिन साल भर पहले 251 रुपये के मोबाइल ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरी थीं। हालांकि, इसकी घोषणा के कुछ दिनों बाद ही इसे बनाने वाली कंपनी रिंगिंग बेल को लेकर तमाम तरह की खबरें आने लगीं। एनबीटी ने इस सबसे सस्ते मोबाइल वाली कंपनी के बारे में जानने की कोशिश की:

अर्श से फर्श पर
एक साल पहले महज 251 रुपये में फ्रीडम 251 नाम से स्मार्टफोन लॉन्च करके नोएडा सेक्टर-63 की रिंगिग बेल्स कंपनी ने खलबली मचा दी थी। इस मोबाइल फोन के लिए ऑनलाइन बुकिंग शुरू होते ही कंपनी की बेवसाइट बार-बार क्रैश हो रही थी। इस वजह से बड़ी संख्या में लोग मोबाइल बुक करवाने के लिए कंपनी के ऑफिस पहुंच गए थे। सैकड़ों की संख्या में लोगों के कंपनी के ऑफिस पहुंचने पर दिन भर हंगामा होता था। मोबाइल खरीदने वालों के अलावा इसका डिस्ट्रिब्यूशन लेने के लिए कई कारोबारी भी कंपनी के ऑफिस के चक्कर काटते थे। कंपनी की चर्चा हर तरफ थी और इसका पूरा फायदा उठाने की कंपनी कोशिश में लगी थी।

अभी कंपनी का प्लान पूरी तरह परवान भी नहीं चढ़ पाया था, इसी बीच कई तरह की खबरें आने लगीं। लोगों ने आरोप लगाए कि ऑनलाइन बुकिंग करवाते समय उनके अकाउंट से पेमेंट तो हो गया, लेकिन रसीद नहीं मिली। उसी वक्त कंपनी के फर्जी होने की नैशनल कंज्यूमर फोरम से शिकायतें की गईं। कंपनी ने कुछ दिन बाद दावा किया था कि 25 लाख फोन बुक किए गए और जल्दी ही सस्ता स्मार्ट टीवी लाने की बात भी कही। कंपनी ने दावा किया था बुकिंग करवाने वालों को जून 2016 तक फोन उपलब्ध करवा दिए जाएंगे। हालांकि, कुछ दिनों के बाद ही बवाल बढ़ते देख कंपनी ने प्री-बुक करवाने वाले ग्राहकों के पैसे लौटाने की बात कह दी। 21 मार्च को बीजेपी नेता किरीट सोमैया की शिकायत पर रिंगिंग बेल के मालिक मोहित गोयल और अशोक चढ्ढा के खिलाफ नोएडा फेज-3 पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और आईटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए कंपनी के डायरेक्टर हाई कोर्ट चले गए थे। हाई कोर्ट के आदेश पर मोहित गोयल समेत कंपनी के डायरेक्टरों के पासपोर्ट भी जब्त कर लिए गए।

छोड़ा मैदान
एक तरफ कंपनी पर आरोपों का सिलसिला रुक नहीं रहा था। कंपनी नोएडा से अपना ऑफिस शिफ्ट करने में लगी थी। कंपनी ने कोर्ट को बताया कि जिन लोगों को मोबाइल फोन नहीं दिया जा सका है, उनका पैसा पेमेंट गेटवे से लौटा दिया गया है। कुछ वक्त पहले ही कंपनी के डायरेक्टर मोहित गोयल ने डायरेक्टर का पद छोड़कर अपने भाई को कंपनी की कमान सौंप दी। इस बीच मामले की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने इस कंपनी को क्लीन चिट भी दे दी। हालांकि, इस साल 23 फरवरी को कंपनी के एमडी पद छोड़ चुके मोहित को 16 लाख रुपये की पेमेंट के विवाद में गाजियाबाद पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

 

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