टाटा मेमोरियल सेंटर ने इंडोनेशिया के कैंसर रोगी नेविगेटरों के दो बैचों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया.

नयी दिल्ली,02 नवंबर 2022,टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) ने इस साल विश्व स्वास्थ्य दिवस पर, यानी 7 अप्रैल, 2022 को इंडोनेशिया में कैंसर चिकित्सा में सुधार के लिए कैंसर रोगी नेविगेशन कार्यक्रम के भागीदारी समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौता ज्ञापन पर धर्मैस नेशनल कैंसर अस्पताल और पीटी रोश इंडोनेशिया के साथ हस्ताक्षर किए गए हैं। इंडोनेशिया के 30-30 छात्रों के दो सफल बैचों को,इस कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षित किया गया है, जिन्हें कैंसर रोगी नेविगेशन कार्यक्रम (सीपीएन) के तहत शतप्रतिशत प्लेसमेंट दिया गया है। सीपीएन, टीएमसी के ‘केवट’ कार्यक्रम का अंतर्राष्ट्रीय विस्तार है। वर्तमान में इंडोनेशिया के सैंतीस छात्रों का तीसरा बैच प्रशिक्षण ले रहा है।

टाटा मेमोरियल सेंटर ने ऑन्कोलॉजी के रोगी नेविगेशन में भारत का पहला मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर डिप्लोमा शुरू करके केवट- पैरामेडिकल देखभाल में एक नया वर्टिकल – ‘केवट’ की स्थापना की है और जो प्रशिक्षित छात्रों को रोजगार की पेशकश कर रहा है। केवट ऑन्कोलॉजी में रोगी नेविगेशन में भारत का पहला मान्यता प्राप्त स्नातकोत्तर डिप्लोमा है, जिसे टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (टीआईएसएस) और टाटा ट्रस्ट का समर्थन प्राप्त है। नेविगेटर एक प्रभावी नेटवर्क का निर्माण करते हैं जो रोगियों और देखभाल करने वालों को कैंसर देखभाल की निरंतरता के दौरान बाधा रहित सहायता प्रदान करता है।

पिछले तीन वर्षों में, लगभग 4 लाख रोगियों को विभिन्न क्षेत्रों में केवट द्वारा चिकित्सकीय देखभाल उपलब्ध करायी गई। महामारी के दौरान केवट एक महत्वपूर्ण कार्यबल रहे हैं और उन्होंने अस्पताल में प्रवेश लेने वाले एक लाख चालीस हजार से अधिक रोगियों की जांच में योगदान दिया है। इसके अलावा इनकी पहलों में लगभग 70,000 रोगियों को फार्मेसी सहायता सेवाएं और रोगी प्रबंधन उपलब्ध कराना, प्रशासनिक कर्मचारियों को प्रशिक्षण देना और रोगियों का परीक्षण करना, टेली-परामर्श की सुविधा प्रदान करना शामिल है, जिनसे अस्पताल की शतप्रतिशत, कैंसर रोगियों के लिए 60 प्रतिशत और कैंसर ग्रस्त कोविड रोगियों के लिए 40 प्रतिशत सक्षमता प्राप्त हुई।

36 क्रेडिट डिप्लोमा कोर्स में ऑन्कोलॉजी देखभाल के नैदानिक ​​और मनोसामाजिक पहलुओं में छह महीने का उपचारात्मक प्रशिक्षण और पर्यवेक्षण शामिल है, इसके बाद टीएमसी बैनर के तहत विभिन्न अस्पतालों में छह महीने का भुगतान प्राप्त इंटर्नशिप दिया जाता है। मूल्यांकन का तरीका आवधिक (मॉड्यूल आधारित), मध्यावधि और अंतिम अवधि की परीक्षा लेने का है। क्वालिफाइंग ग्रेड वाले सभी प्रतिभागियों को कोर्स पूरा होने पर डिप्लोमा प्रदान किया जाता है। रोगी देखभाल का समर्थन करने के लिए डिप्लोमा धारकों को निजी अस्पतालों, सरकारी संस्थानों और गैर-सरकारी संगठनों में अखिल भारतीय स्तर पर नियोजित किया जाता है। टीएमसी योग्यता के आधार पर छात्रों को एक साल की फेलोशिप भी प्रदान करती है। फेलोशिप के सफल समापन पर, योग्य उम्मीदवारों को टीएमसी द्वारा स्थायी पदों पर नियुक्त किया जाता है। यह कार्यक्रम अप्रैल 2022 में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के बाद से शुरू किया गया है और अब एक वर्ष के लिए कैंसर रोगी नेविगेशन प्रशिक्षण कार्यक्रमों की एक श्रृंखला में भाग लेने के लिए नर्सों और डॉक्टरों से को मिलाकर 25 स्वास्थ्य पेशेवरों का चयन किया गया है।

सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक विविधता की अधिकता के साथ रोगी देखभाल की जरूरतों को पूरा करने के लिए नेविगेशन कार्यक्रम बनाया गया था। कुछ पहचानी गई जरूरतों में भाषा की बाधाएं, जागरूकता की कमी, स्वास्थ्य जानकारी की समझ, संसाधन प्रावधान, समय पर निदान और हस्तक्षेप, और देखभाल के लक्ष्यों का पालन करना शामिल है।

इस कार्यक्रम के परिणामों में रोगी देखभाल में सहायता प्रदान करने के लिए एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित कार्यबल का निर्माण, चिकित्सकों और नर्सों के बोझ को कम करना, बेहतर आपूर्ति और देखभाल की गुणवत्ता प्रदान करना, उपचार और अनुवर्ती कार्रवाई का अनुपालन बनाए रखना, दुर्घटना दर को कम करना, देखभाल के उत्तरजीविता परिणामों में सुधार करना और कैंसर अस्पतालों या विशिष्ट कैंसर देखभाल सेवाओं की पेशकश करने वाले अस्पतालों में रोगी नेविगेशन कार्यक्रमों को विकसित और निष्पादित करना शामिल है।

नेविगेटर की भूमिकाओं में स्क्रीनिंग और प्रारंभिक पहचान गतिविधियां, दस्तावेज़ीकरण और पंजीकरण के साथ रोगियों को सहायता प्रदान करना, कमजोर रोगियों की पहचान करना, रोगियों की जांच करना, रोगी की निदान समझ का आकलन करना, निदान और प्रक्रियाओं की व्याख्या करना, उपचार करने वाली टीम के साथ बातचीत करने में मदद करना, रोगियों को प्रक्रियाओं के लिए तैयार करना, रोगियों के वित्तीय संसाधनों की पहचान करना, रोगियों को आगामी विजिट की याद दिलाना, मनोवैज्ञानिक सहायता प्रदान करना, रोगियों और उनके परिवारों को परामर्श देना, पुनर्वास सहायता, शोक और जीवन प्रक्रियाओं के अंत आदि के बारे में जानकारी देना शामिल है। केवट (नेविगेटर) एक केंद्रीकृत रिपोर्टिंग प्रणाली का पालन करते हैं और जो नियमित अंतराल पर फेलो, स्टाफ और पर्यवेक्षकों द्वारा किए गए निगरानी, ​​​​ऑडिट और मूल्यांकन को प्राप्त करते हैं। उन्हें क्लिनिकल गाइड और चैंपियन दिए जाते हैं जो रोगियों की प्रगति का चार्ट बनाते हैं और उनकी गतिविधियों की समीक्षा करते हैं। वे विशिष्ट मामलों और रोगी संबंधी समस्याओं के बारे में बातचीत करने के लिए समय-समय पर नैदानिक ​​टीमों और प्रशासनिक टीमों से मुलाकात करते हैं और वे रोगी के बारे में जानकारी की एक मजबूत प्रणाली बनाए रखते हैं, जिसके आधार पर सुधार और प्रणाली में बदलाव के लिए सुझाव भी देते हैं। उनका फोकस क्षेत्र समय पर निदान और उपचार तथा नैदानिक ​​उपाय के लिए प्रतीक्षा समय में कमी करना है।

इंडोनेशियाई स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं के साथ इस सहयोग के माध्यम से, सीपीएन की भूमिका को परिभाषित करने और अस्पताल सेवा प्रणाली में रोगी नेविगेशन शामिल करने, स्थानीय पाठ्यक्रम विकसित करने के लिए तकनीकी सहायता के माध्यम से जानकारी के हस्तांतरण और सीपीएन के लिए एक स्थानीय प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना के लिए पेशेवर प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है। प्रतिभागियों को सीपीएन की भूमिका परिभाषित करने के लिए पेशेवर प्रशिक्षण दिया जाएगा और अस्पताल देखभाल प्रणाली में रोगी नेविगेशन भूमिका को लागू किया जाएगा। मिश्रित ज्ञान प्राप्ति की विधि का उपयोग करके, प्रतिभागियों को 2 महीने का वर्चुअल प्रशिक्षण और 3 महीने के लिए टीएमसी मुंबई में सीधा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें इंडोनेशिया में 2 महीने का विशेषज्ञ यात्रा प्रशिक्षण और टीएमसी की विशेष, सहायता से प्रत्येक अस्पताल में 6 महीने ऑन जॉब प्रशिक्षण भी प्राप्त होगा। इस कार्यक्रम में स्थानीय पाठ्यक्रम विकसित करने और राष्ट्रीय मान्यता के साथ सीपीएन के लिए स्थानीय प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना के निमित तकनीकी सहायता के माध्यम से ज्ञान के हस्तांतरण को भी लक्षित किया जाता है।
@ फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम

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