रियो 2016 में अपने पहले ओलंपिक में रजत पदक जीतने के बाद्, वो ओलंपिक पोडियम पर दूसरी बार पहुंची हैं। इस जीत के साथ ही सिंधु दो ओलंपिक संस्करणों की व्यक्तिगत स्पर्धा में पदक जीतने वाली दूसरी भारतीय एथलीट बन गई हैं। यह उपलब्धि सबसे पहले पहलवान Sushil Kumar ने हासिल की थी।। उन्होंने बीजिंग 2008 में पुरुषों के 66 किग्रा फ्रीस्टाइल वर्ग में कांस्य जीता और चार साल बाद लंदन 2012 में रजत पदक पर कब्जा जमाया।
इस परिणाम के साथ सिंधु लगातार दो ओलंपिक में पदक जीतने वालीं चौथी महिला बैडमिंटन खिलाड़ी बन गईं। इससे पहले Susi Susanti (बार्सिलोना 1992 में स्वर्ण, अटलांटा 1996 में कांस्य), Ban Soo-hyun (बार्सिलोना 1992 में रजत, अटलांटा 1996 में स्वर्ण) और Zhang Ning (एथेंस 2004 में स्वर्ण, बीजिंग 2008 में स्वर्ण) ने यह उपलब्धि हासिल की थी।
सिंधु 26 साल और 27 दिन की उम्र में बैडमिंटन में महिला एकल में कांस्य पदक जीतने वाली दूसरी सबसे उम्रदराज खिलाड़ी बन गईं। सिडनी 2000 में पोडियम पर अंतिम स्थान हासिल करने वाली चीन की Ye Zhaoying 26 साल और 85 दिनों के साथ सबसे उम्रदराज थीं।@फोर्थ इंडिया न्यूज़ टीम.
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