दिल्ली एयरपोर्ट ऑपरेटर ने कहा, सीआईएसएफ का बकाया 655 करोड़ रुपया चुकाने के लिए फंड नहीं

नई दिल्ली- इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट देश के अति संवेदनशील हवाई अड्डों में एक है, लेकिन एयरपोर्ट मैनेजमेंट का कहना है कि यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों की बकाया सैलरी देने के लिए उसके पास फंड नहीं है। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के प्रमुख ओ पी सिंह ने हाल ही में एविएशन सेक्रटरी आर. एन. चौबे को चिट्ठी लिखकर कहा कि देशभर के 59 हवाई अड्डों के पास संस्था का 735.3 करोड़ रुपये बकाया है। इसमें 655.4 करोड़ रुपये यानी 89 प्रतिशत अकेले दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लि. का ही है।

जब दिल्ली इंटरनैशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लि. से पूछा गया कि वह सीआईएसएफ का बकाया क्यों नहीं चुका रहा, तो इसके प्रवक्ता ने कहा, ’10 साल पहले जिस राज्य सहयोग समझौते पर दस्तखत किया गया था, उसके मुताबिक हमें एयरपोर्ट की सुरक्षा में तैनात सीआईएसएफ जवानों की सैलरी देने के लिए प्रति पैसेंजर 130 रुपये वसूलने का अधिकार है। हालांकि, सातवां वेतन आयोग लागू होने के बाद औसत सैलरी 100% या इससे भी ज्यादा बढ़ गई। साथ ही, टर्मिनल 3 के संचालन में आने के बाद से सुरक्षा कर्मियों की तादाद भी दोगुनी होकर 5,000 तक पहुंच चुकी है। इससे सैलरी के लिहाज से फंड लगातार कम पड़ता जा रहा है।’ टर्मिनल 3 का उद्घाटन साल 2010 में दिल्ली में कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन के वक्त हुआ था।

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