नवरात्र के दूसरे दिन होगा ब्रह्मचारिणी पूजन, इन पेशेवालों की बदलेगी किस्मत

नवरात्र के दूसरे दिन द्वितीय दुर्गा ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाता है। ब्रह्मचारिणी का अर्थ है ब्रह्म का आचरण करने वाली। दुर्गा के दूसरे स्वरूप में ब्रह्मचारिणी पर मंगल ग्रह पर अपना आधिपत्य रखती हैं। देवी ब्रह्मचारिणी उस बच्चे की अवस्था को संबोधित करती हैं जो अब बड़ा हो रहा है, विद्यार्थी है व जिसका उद्देश शक्ति प्राप्त करना है। देवी ब्रह्मचारिणी का स्वरूप खिलते कमल जैसा है जिसमें से प्रकाश निकल रहा है। इनका रूप ज्योर्तिमय, शांत व निमग्न होकर तप में विलीन है। इनके मुखमंडल पर कठोर तप के कारण अद्भुत तेज व कांति है। इनके दाहिने हाथ में अक्षमाला व बाएं हाथ में कमण्डल है। यह साक्षात ब्रह्मत्व का स्वरूप हैं। गौरवर्णा देवी ने ध्वल रंग के वस्त्र धारण किए हुए हैं। देवी के कंगन, कड़े, हार, कुंडल तथा बाली आदि सभी जगह कमल जड़े हुए हैं।

 

read more at-