पत्रकारों के खिलाफ राजद्रोह का मुकदमा मीडिया में भारी विरोध

Reporter: Rajdeep Sardesai

30 जनवरी को प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश पुलिस के द्वारा छह पत्रकारों के खिलाफ दर्ज की गई एफ़आईआर का विरोध करने के लिए एक सभा रखी गई. राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडे, ज़फ़र आग़ा, विनोद जोस, परेश नाथ और अनंत नाथ के ऊपर, गणतंत्र दिवस के दिन मोदी सरकार के द्वारा लाए गए कृषि क़ानूनों के खिलाफ किसानों के द्वारा आयोजित ट्रैक्टर रैली में एक प्रदर्शनकारी की मृत्यु पर रिपोर्ट करने और उसके बारे में ट्वीट करने की वजह से राजद्रोह, आपराधिक साज़िश और वैमनस्य फैलाने के मामले दर्ज किए गए हैं.

राजदीप सरदेसाई इंडिया टुडे के लिए काम करते हैं, मृणाल पांडे नेशनल हेराल्ड की सलाहकार संपादक हैं, जफर आग़ा कौमी आवाज़ के संपादक हैं. विनोद जोस, परेश नाथ और अनंत नाथ कारवां पत्रिका से जुड़े हुए हैं.

प्रदर्शनकारी नवरीत सिंह की मृत्यु तब हुई जब आईटीओ पर पुलिस बैरिकेड में से ट्रेक्टर दौड़ाते हुए पलट गया. इसके बाद सोशल मीडिया पर कयास उड़ने लगे की बैरिकेड के पास आने पर उन्हें गोली मार दी गई थी. दिल्ली पुलिस ने इसका खंडन किया, और वह अपनी बात पर कायम रहे कि यह एक दुर्घटना थी. पोस्टमार्टम से भी यही बात सामने आई हालांकि नवरीत के परिवार ने इस पर संदेह जताया है.

चश्मदीद गवाह के बयान को आधार मानते हुए कारवां ने यह अंदेशा जताया था कि संभवतः नवनीत को पुलिस ने गोली मारी. सरदेसाई, पांडे और आग़ा ने भी अपने ट्वीट में इसी बात को कहा. सरदेसाई ने टीवी पर सीधे प्रसारण में भी कहा कि नवरीत को सर मे गोली मारी गई थी. शाम को हुए प्रसारण में उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने बयान लेने में जल्दबाजी की और पुलिस का बयान कि नवनीत की मृत्यु ट्रैक्टर पलटने से हुई “कहीं ज्यादा विश्वसनीय प्रतीत होता है बजाए उसके जो प्रदर्शनकारी दावा कर रहे हैं.” बाद में उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया और पुलिस के इनकार को भी पोस्ट किया, पांडे और आग़ा ने भी अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया.

विरोध सभा को संबोधित करते हुए सरदेसाई ने कहा, “हम सभी के बीच मतभेद हैं, हम सभी एक दूसरे से विभिन्न मुद्दों पर लगातार लड़ सकते हैं, लेकिन इस एक मूल मुद्दे पर मेरी गुज़ारिश है कि हम सबको एकता दिखानी चाहिए. हम भले ही पत्रकार होने के नाते गलतियां कर बैठें, लेकिन हमारे पास उन गलतियों के सुधार के लिए पर्याप्त मंच मौजूद हैं.”