नई दिल्ली| प्ले स्टोर से कोई भी ऐप देखकर तुरंत फोन पर डाउनलोड करने वालों को सावधान हो जाना चाहिए. हाल ही में, गूगल ने प्ले स्टोर से ऐसे 20 ऐप्स को हटा दिया जो यूजरों की जासूसी करते पाए गए. इन ऐप्स के बारे में ये जानकारी सामने आई है कि ये ऐप्स यूजरों के ई-मेल, टेक्स्ट, वॉइस कॉल्स, लोकेशन और दूसरी चीजों पर नजर रख रहे थे. बताया जा रहा कि ये ‘जासूस’ ऐप्स तकरीबन 100 मोबाइल फोन पर इंस्टॉल थे.
दरअसल, इन ऐप्स में लिपिज्जां नाम का एक स्पाईवेयर मौजूद था जिसकी मदद से ये पुराने ऐंड्ऱॉयड वर्जन वाले हैंडसेट्स में संवेदनशील यूजर डेटा इकट्ठा कर रही थीं. इस दौरान इन हैंडसैट्स का सिक्यॉरिटी प्रोटेक्शन भी काम नहीं कर पाता था. गूगल के मुताबिक, ‘लिपिज्जां एक मल्टि-स्टेज स्पाईवेयर है जो यूजरों के ईमेल में घुस सकता है, उनके मेसेज, लोकेशन, वॉइस कॉल्स और मीडिया को भी ऐक्सेस कर सकता है. हमने पाया कि 20 लिपिज्जां ऐप बहुत चालाकी से 100 से कम डिवाइसेज पर मौजूद हैं. हमने इनके डिवेलपर्स और इन ऐप्स को ऐंड्ऱ़ॉयड ईकोससिस्टम से ब्लॉक कर दिया है.’
गूगल ने इससे जुड़ी जानकारी देने के लिए एक ब्लॉग पोस्ट लिखा. इस पोस्ट में बताया गया है कि इन ऐप्स में ऐसे कोड थे जिनकी मदद से ये फंक्शन परफॉर्म किए जा सकते थे –
- लोकेशन मॉनिटरिंग
- स्क्रीनशॉट्स लेना
- कॉन्टैक्ट
- एसएमएस
- कॉल रिकॉर्डिंग
- फाइल्स ऐक्सस करना
- ऐप का डेटा ऐक्सेस करना
- फोन के कैमरे से फोटो लेना
- VoIP रिकॉर्डिंग
- डिवाइस के माइक से रिकॉर्डिंग
- डिवाइस की इन्फर्मेशन
- कॉल लॉग
गूगल के अनुसार, ये जासूस ऐप्स न सिर्फ जीमेल, हैंगाउट्स, मेसेंजर जैसे ऐप्स से जानकारी हासिल कर रहे थे बल्कि वॉट्सऐप, टेलिग्राम और वाइबर जैसे ऐप्स के मेसेज भी पढ़ रहे थे. गूगल ने इन ऐप्स को हटाया लेकिन कुछ वक्त बाद ये अपने में कुछ बदलाव करके वापस आ गए.
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